शनिवार, 28 दिसंबर 2019

जानिए GDP के बारे पुर्ण जानकारी विस्तार से हिंदी मे(IN HINDI)



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जीडीपी(GDP) के बारे मे विस्तार से जाने



जीडीपी(GDP)

मित्रो आज हम आपको जीडीपी(GDP) के बारे मे बात करनेवाले है जिसके बिगड्ने से पुरे देश कि आर्थिक स्थिति उथल-पुथल हो जाती है जिसके बिगड्ने से देश की जनता और सरकारे बहुत मुसीबत मे पड जाती है और इसे सुधारने के लिए सरकारो क तेल निकल जाता है तो चलिए जानते है इसके बारे विस्तार मे :-

जीडीपी का पुरा नाम ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट(GROSS DOMESTIC PRODUCT) है जिसका हिंदी मे अर्थ सकल घरेलु उत्पाद है। इस शब्द को पहली बार अमेरिका के एक व्यक्ति इसे अमेरिका से अवगत कराया जिनका नाम साइमन था और वह एक अर्थशास्त्री थे उन्होने इस शब्द का उपयोग सन 1935-44 के अंतराल मे किया और बाद मे इसे आईऐमएफ(IMF) ने उपयोग करना शुरु किया और यह बहुत तेज़ी से सभी देशो द्वारा अपनाया गया और आज हर देश इस शब्द का उपयोग करता है अपनी अर्थव्यव्स्था(ECONOMY) को बताने के लिए।

जीडीपी(GDP) किसी देश की उत्पादन क्षेत्रो मे हुई वृद्धि को निर्धारित होता है इसमे तीन मुख्य घटक यानी कृषि,उद्योग और सेवा मे उत्पादन बढने या घटने के औसत के आधार पर जीडीपी तय होती है और इसे दो तरह से मापी जाती है और दर्शाया जाता है एक है कॉन्स्टंट प्राईज(CONSTANT PRICE) और दुसरा है करंट प्राईज(CURRENT PRICE) ।

कॉन्स्टंट प्राईज(CONSTANT PRICE)

इसमे एक वर्ष तय किया जाता है जिसे आधार मानकर इसके आगे आनेवाले वर्षो मे महगाई को मापा जाता है की कितनी ज्यादा महगाई है या कम महगाई है। उदाहरण के लिए अगर किसी वर्ष की जीडीपी 10% है और इसे एक आधारवर्ष तय किया गया और अब इसके अगले वर्ष जीडीपी 9% हो गई तो इसकी जीडीपी आधारवर्ष की जीडीपी से कम है यानी अब थोडी महगाई है और इसके अगले वर्ष जीडीपी 12% हो गई तो अब यह जीडीपी आधारवर्ष(BASE YEAR) की जीडीपी से ज्यादा है यानी की देश मे कम महगाई है।

करंट प्राईज(CURRENT PRICE)

करंट प्राईज(CURRENT PRICE) यानी की वर्तमान मे देश की जीडीपी कितनी है यह ज्ञात किया जाता है जिसे उत्पादन कि वर्तमान किमत को हासिल किया जाता है जिसमे महगाई दर की दर को जोड कर वर्तमान जीडीपी मापी जाती है। भारत मे हर तीन महीनो मे वर्तमान जीडीपी मापी जाती है।

जीडीपी पर किन-किन बातो का प्रभाव पडता है

1) अगर किसी एक देश के अंदर बाहर देश की वस्तुओ या उत्पाद को बहुत ज्यादा पैमाने पर खरिदा जाता है और स्वदेशी यानी की उसी देश कि बनी चीजो को कम खरिदा जाता है तब उस देश की जीडीपी पर बुरा प्रभाव पडता है और भारत मे कुछ ऐसा ही हो रहा है ।

2) किसी देश मे उत्पादन कम होता हो तो प्रभाव पडता है उत्पादन कम होगा तो देश के लोगो को वस्तुए महंगे दाम पर मिलेंगी जिससे वस्तुए कम खरिदी जायेंगी और कम खरेदी जायेंगी तो उत्पादन कम होगा और उत्पादन कम होगा तो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार(INTERNATIONAL MARKET) मे उत्पाद नही होंगे जिससे देश की जीडीपी पर असर पडता है।

3) देश मे विदेशी माल को बहुत ज्यादा पैमाने पर आयात किया जाता है ।

4) देश बदलाव और आधुनिकीकरण की ओर कदम नही बढाए तो भी ऐसा होता है क्योंकी अगर देश मे यह नही हुआ तो बाहरी कम्पनी इसका लाभ उठा लेते है और देश की पुंजी बाहर जाने लगती है।


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