रविवार, 28 नवंबर 2021

क्या आपको पता है आप अपना डेटा देकर पैसे कैसे कमाते है (How to Earn Money by Sharing Internet Hindi)

 जी हाँ आप अपना इंटरनेट या वाई- फाई डेटा देकर पैसे कमा सकते है जिसे आप अपने अकाउंट मे भी ले सकते है ।तो यदि आप के पास इंटरनेट पैक है और आप दिनभर के लिए दिए गए डेटा को उपयोग नही कर पा रहे हो या नही कर पाते हो तो आप अपना डेटा देकर कुछ पैसे कमा सकते हो और वो कैसे करना है वो हम आपको बताते है।


Honeygain App Logo


तो आपको सबसे पहले एक अप्लिकेशन डाउनलोड करनी है जिसका नाम "हनिगैन" है।

Honey Gain home page

इस ऐप पर आपको अकाउंट बनाना होगा जो की आपके फोन नम्बर या ईमेल से बन सकता है।


इसके बाद आपको आपने अनुसार मासिक कितना डेटा उपयोग नही करते हो या आप कितना डेटा देना चाहते हो एक माह मे वह संख्या डाल देना है ।


अब इसके बाद आपको इसे एक्टिवेट अथवा चालू कर देना है। जिसके बाद यह डेटा डाउनलोड करने लग जाएगा ।


डेटा जितना डाउनलोड किया गया अथवा ऐप द्वारा जितना भी डेटा लिया गया होगा आपको उतने डेटा के पैसे मिलेंगे ।

आपको इसके लिए अपना इंटरनेट चालु ही रखना पड़ेगा ।


हमारा पुनर्विलोकन अथवा समीक्षा/रिव्यु तथा अनुभव :-

यह ऐप एक अच्छा विकल्प है आपके बचे हुए डेटा के बदले कुछ पैसे देने के लिए लेकिन इसके लिए आपको दिनभर आपको डेटा या इंटरनेट चालू ही रखना पड़ेगा क्योंकी यह अपनी जरूरत के अनुसार आपसे डेटा लेगा।

यह ऐप आपके स्थान और आपकी आ रही इंटरनेट स्पीड या गति पर निर्भर करता है और उसी के अनुसार आपका डेटा लिया जाता है ।


इस ऐप से आपको पैसे निकालने के लिए कम से कम 20$ आपके अकाउंट मे होना चाहिए उसके बाद ही आप पैसे निकाल पाएंगे ।


हनिगैन औसत आपको 10Gb डेटा के $1 डॉलर देता है तो आपको अधिक कमाई करने के लिए अधिकतम डेटा देना होगा ।


रविवार, 21 मार्च 2021

WHAT IS SPACE HURRICANE IN HINDI EXPLAINED ( स्पेस हुर्रिकेन क्या होता है ? )


स्पेस हुर्रिकेन क्या होता है ( WHAT IS SPACE HURRICANE )



स्पेस हुर्रिकेन के बारे मे( ABOUT SPACE HURRICANE ) :-


स्पेस हर्रिकेन के बारे मे हाल ही जानकारी सांझा की गई है चीन के शेंडोंग युनिवर्सिटी के द्वारा जहाँ उन्होने ने बताया की पृथ्वी की आकाशीय परत मे एक चक्रवात आया था जिसे इन्होने देखा और इसका अवलोकन किया था। यह चक्रवात सन अगस्त,2014 मे देखा गया था और इसकी जानकारी अब जा के सांझा की गई है और उन्होने यह भी बताया की यह पृथ्वी के वायुमंडल मे लगभग 8 घंटे तक रहा था और यह पृथ्वी पर आनेवाले चक्रवातो की तरह ही था लेकिन जब उन्होने इसका अवलोकन किया तब पाया की पृथ्वी पर आनेवाले चक्रवातो के बिल्कुल विपरीत था और ऐसा ही चक्रवात हमने कई ग्रहो पर देखा है जैसे की शुक्र(बृहस्पति) ग्रह। स्पेस हुर्रिकेन पृथ्वी की सतह से लगभग 200 किलोमीटर ऊपर आया था और उस समय इसका अवलोकन चार सेटेलाईटो की सहायता से किया गया था और वह सेटेलाईट चीन,अमेरिका,नोर्वे अथवा युनाइटेड किंगडम इन चार देशो के थे। स्पेस हुर्रिकेन मे प्लाज्मा की गति 7000-8000 किलोमीटर पर घंटे की नापी गई थी और यह जब आरम्भ होता है तब इसमे से एलेक्ट्रोन तत्व गिरते है तथा वायुमंडल मे बह्त तेज गति से ऊर्जा बदलती है और स्पेस हुर्रिकेन का निर्माण बिल्कुल ही शांत वायुमंडल मे होता है यह भी पाया गया। स्पेस हुर्रिकेन क्या-क्या हानि पहुंचा सकता है इसपर अभी शोध चल रहा है लेकिन वैज्ञानिको का मानना है की इसका प्रभाव जीपीएस और रेडियो तरंगो पर पड सकता है।





अधिक जानकारी (MORE INFORMATION) :- स्पेस हुरीकेन पर अभी पुरी तरह और हर प्रकार से पुर्ण शोध नही हुआ जिसके कारण हमने कई बाते नही बताई है क्योंकी वह बाते स्थाई/पुष्टी नही है।

रविवार, 22 नवंबर 2020

घोडे के किडे के बारे मे जानकारी ( HORSEHAIR WORM / NEMATOMORPHA IN HINDI ) - UNIQUE HINDI POST


घोडे का किडा ( HORSEHAIR WORM )



घोडे के किडे के बारे मे (ABOUT HORSEHAIR WORM) :-


सबसे पहले इसके नाम के बारे मे आपको बताते है की इसका नाम कैसे पडा दरअसल यह एक धारणा थी लोगो मे की यह किडा तब जन्म लेता है जब पानी घोडे की पुछ से होकर जाता है और उसी पानी से यह किडा जन्मता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है इसका वैज्ञानिक नाम "नेमाटोमोर्फा(NEMATOMORPHA)" है और यह अधिकतर पानी मे ही पाया जाता है क्योंकी यह किडे नमीवाले क्षेत्रो मे पनपते है इसलिए यह वही पाए जाते है अधिकतर जैसे की यह समुद्र के किनारे या किसी तालाब अथवा झील मे भी पाए जाते है इसके उपरांत यह किडे साफ पानी मे ही पाए जाते है तो यह बात ध्यान मे रखिए अगर यह किडे किसी पानी मे पाए जाते है तो समझिए वह पानी साफ है। यह किडे परजीवी भी होते है इसका अर्थ यह किसी दुसरे के शरीर को अपना भोजन बनाते है जैसे की तिलचट्टे,तितली आदि जिनके शरीर मे रहकर यह किडा उन्हे अंदर ही अंदर से खाता है और कमजोर करता जाता है और एक समय ऐसा आता है जब यह किडा व्यस्क हो जाता है और इसका आकार बढने लगता है तब यह उस जीव के शरीर को फाडकर अथवा कमजोर करके मारने के बाद बाहर निकलता है जिसके बारे आपको सोशल मिडियापर बहुत से विडियो मिल जाएंगे तो अब प्र्श्न आता है की यह किडा उनके अंदर कैसे जाता है तो इसका साफ-सा उत्तर है की यह किडा दुसरे जीव के शरीर मे अंडे के रुप मे जाता है अथवा यह उसके अंदर तब पहुंचता है जब वह अपने प्राथमिक स्तर पर होता है जब कोई जीव पानी पीता है तब यह किडा उसी समय उस जीव के अंदर प्रवेश करता है और धीरे-धीरे उसके अंदर पनपता है। इनका आकार 2 इंच से लेकर 4 इंच तक होता है और कई जगहो पर जब यह चरम पर होता है तो इसकी लंबाई 2 मीटर तक भी हो जाती है लेकिन 2-4 इंच लंबाई यह सामान्य आकार होता है और इन्हे व्यस्क होने मे कई हफ्तो तथा महीनो का समय लग जाता है। इनमे नर और मादा की प्रजातिया होती है।

कितना घातक है यह किडा मानवो के लिए ? (HOW MUCH DANGER IS HORSEHAIR WORM FOR HUMANS)


हम आपको बता दे की यह किडा मानवो के लिए घातक नही है यह सिर्फ और छोटे प्राणियो जैसे की तिलचट्टो जैसे जीवो के लिए बहुत घातक है यह उनके लिए बहुत दर्दनाक मृत्यु होती है लेकिन इनका मानवो और बडे जानवरो पर कोई असर नही होता यह मानवो और बडे जानवरो के अंदर नही पनप पाते तो इससे भयभीत होने की बात नही है।


अधिक जानकारी (MORE INFORMATION) :- इस किडे के बारे मे बहुत से लोगो को पता नही है जिसके कारण लोग सोशल मिडिया पर इस किडे के विडियो को कुछ भी बताने की कोशिश करते है भारत(INDIA) मे हाल ही के कुछ हफ्तो पहले इसका एक विडियो बहुत चर्चा मे आया था जहाँ इसे शिवनाग वृक्ष(SHIVNAAG VRUKSH) की जडे बताई जा रही थी और कहा जा रहा था की यह शिवनाग वृक्ष की जडे है जो काटने के बाद से 4 से 15 दिनो तक तडपती रहती है हम आपको कुछ विडियो की लिंक भी बता देते है जो की युटूब की है और हम आपको यह बता देना चाहते है की इस विडियो मे जो वस्तु हिल-डुल रही है वह "नेमाटोमोर्फा" नामक किडा अथवा घोडे का किडा(HORSEHAIR WORM) है और हम आपको इसके लिए जागरुक करते है।

बुधवार, 4 नवंबर 2020

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है और एक अपराधी को हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?( WHEN A CRIMINAL CALLED HISTORYSHEETAR - IN HINDI ) - UHP

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है और एक अपराधी को हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?


history sheetar kise kahte hai aur kyaa hai iska matalb

हिस्ट्रीशीटर किसे कहते है ?


आपने कई बार पुलिस को या समाचार मे किसी व्यक्ति को हिस्ट्रीशीटर कहते सुना होगा या आपने कई बार सुना होगा की जब कोई व्यक्ति किसी अपराधी की बात करता है तो उसे हिस्ट्रीशीटर कहता तो आज हम इसी के बारे मे बतानेवाले है, हिस्ट्रीशीटर कि उपाधि सिर्फ और सिर्फ एक कुख्यात अपराधी को ही दि जाती है पुलिस या कोर्ट द्वारा जिसका अर्थ यह होता है उस अपराधी ने बहुत से संगीन अपराध किए है और उसने यह कई बार किया है और उसपर आरोपो का अभी-भी(वर्तमान मे भी) मुकदमा चल रहा हो ऐसे अपराधी बहुत ही उच्च अपराधी की श्रेणी मे आते है और ऐसे अपराधी पुलिस से भागते रहते है और छिपते रहते है ताकी वह पकडे ना जाए तथा कभी-कभी ऐसे अपराधी पुलिस के द्वारा किए गए एनकाउंटर मे भी मारे जाते है।

हिस्ट्रीशीटर कब कहा जाता है ?(HOW YOU ARE MADE A APPLICATION)

कोई भी अपराधी जब 10 या 10 से ज्यादा मामले या अपराध करता है और वह उसमे सीधे तौरपर शामिल होता है तो उस अपराधी को कानूनी प्रक्रिया के अनुसार हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया जाता है और उन्हे उच्च अपराध की श्रेणी मे रखा जाता है और इनपर नजर रखी जाती है।






स्त्रोत :- प्रस्तुत जानकारी "कानून कि रोशनी मे" नामक युटुब चैनल से ली गई है। नीचे दिए गए लिंक से आप इस विडियो तक पहुंच सकते है ।






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बुधवार, 8 जुलाई 2020

जानिए ANDROID STUDIO क्या है,कैसे काम करता है हिंदी मे(WHAT IS IT AND HOW IT'S WORK IN HINDI) - KIM


एंड्राईड स्टुडिओ (ANDROID STUDIO) क्या है और यह क्या-क्या कार्य करता है ?



एंड्राईड स्टुडिओ(ANDROID STUDIO) के बारे मे (क्या करता है और कौन-सा कार्य करता है) :-

एंड्राईड स्टुडिओ यह एक सॉफ्टवेअर है जिसमे हम एक एंड्राईड ऐप्लीकेशन या ऐप बना सकते है और उसे हम प्ले स्टोर पर भी रख सकते है जहाँ से बहुत से लोग आपकी ऐप डाउनलोड कर सकेंगे और अपने मोबाईल मे चला सकेंगे। एंड्राईड स्टुडिओ को दिसंबर,2014 मे गुगल द्वारा बनाकर लॉन्च किया गया था और तब से गुगल ने इसमे बहुत से बदलाव किए गए है और इसे एक बहुत ही अच्छा सॉफ्टवेअर बनाने के लिए अभी-भी बदलाव करते है और आप इसे किसी भी लैपटॉप या कम्प्युटर मे इंस्टाल कर सकते है वह चाहे विंडोस,लिनक्स या फिर मॅकओएस हो सभी मे इसका सॉफ्टवेअर डाउनलोड करने लायक है। आप एंड्राईड स्टुडिओ मे अपने मोबाईल फोन,डिजीटल घडी, टिवी,कार मे उपयोग होनेवाले सिस्टम आदि के लिए ऐप बना सकते है और इसके लिए आपको इसे सिखना होगा जिसके लिए आपको नीचे बताई गई वस्तुओ/बातो के बारे मे जानकारी होनी आवश्यक है अथवा इसका ज्ञान होना आवश्यक है।

  • सबसे पहले तो आपको अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना चाहिए( मामूली अंग्रेजी भी चल जाएगी )
  • आपको "जावा" या "कोटलिन" मे से कोई एक भाषा आनी चाहिए क्योकी आपको इनमे से ही किसी एक से एंड्राईड ऐप की कोडिंग करनी है तो आप इसे अच्छे से सीख ले ( यह दोनो कम्प्युटरी भाषाए है )
  • इसके अलावा आपको एंड्राईड मे कौन-से काम के लिए कौन-सा टॅग या कौन-सी पद्धति उपयोग की जाती है इसके बारे मे भी सिखना होगा और इसकी जानकारी आपको एंड्राईड स्टुडिओ के वेबसाईट पर मिल जाएंगी ( यह जानकारी आपको वहाँ अंग्रेजी मे मिलेगी अगर आप इसे हिंदी मे जानना चाहते है तो हमारे वेबसाईट पर देखे )

इस लेख मे दी गई सभी जानकारी ANDROID STUDIO के ऑफिशियल वेबसाईट से ली गई है आप नीचे क्लिक करके उनके ऑफिशियल वेबसाईट पर जा सकते है।

https://developer.android.com/studio/index.html




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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

एंड्राइड ऐप्लीकेशन/ANDROID APPLICATION(APP) कैसे बनाए जाते है और आप भी कैसे बना सकते है ? (MAKE YOUR OWN APPLICATION) - UNIQUE HINDI POST



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एंड्राईड ऐप्लीकेशन(ANDROID APPLICATION) कैसे बनाते है और क्या आप यह ऐप्लीकेशन बना सकते है ?



एंड्राईड ऐप कैसे बनाते है ?(HOW ANDROID APPLICATION ARE MADE ?)


ऐप्लीकेशन(ऐप) कई प्रकार की होती है जैसे एक गेम(GAME) ऐप्लीकेशन,खाना बनाने की रेसिपी(विधि) का ऐप्लीकेशन आदि प्रकार के ऐप्लीकेशन आपको देखने मिल जाएंगे प्ले स्टोर(PLAY STORE) पर जिसे बह्त से लोग डाउनलोड करते है उपयोग करते है जिसमे कई बार कुछ लोग को यह को जिज्ञासा होती होगी की यह ऐप्लीकेशन कैसे बनता है इसे किस तरह से बनाया जाता है और क्या मै इसे बना सकता हु तो प्रश्न का उत्तर है "हाँ" आप भी एक ऐप्लीकेशन बना सकते है लेकिन इससे पहले आपको यह समझना होगा की ऐप्लीकेशन बनते कैसे है।

तो आइये जानते है ऐप्लीकेशन कैसे बनाए जाते है हम आपको एंड्राईड ऐप्लीकेशन के बारे मे बतानेवाले है जो कि एक एंड्राईड डिवाईस(ANDROID DIVICE) मे काम करता है। एंड्राईड ऐप्लीकेशन को एंड्राईड स्टूडिओ(ANDROID STUDIO) नामक एक सॉफ्टवेअर(SOFTWARE) पर बनाया जाता है जिसे कम्प्युटर(COMPUTER) मे इंस्टाल(INSTALL) किया जाता है और कोडिंग के द्वारा यह बनाया जाता है आप इसे बिना कोडिंग के भी बना सकते है लेकिन वह ऐप्लीकेशन बहुत ज्यादा कार्यरत नही होगी। कोई भी ऐप्लीकेशन को कोडिंग की सहायता से ही बनाया जाता है जहाँ इसमे सभी प्रकार के पेज बनाए जाते है और कोड इस तरह से सेट किए जाते है जैसे की अगर आप कोई भी नई ऐप्लीकेशन पर लॉगिन करते है तो वह लॉगिन कैसे होगा वह लॉगिन पेग कैसे दिखेगा,आपके लॉगिन करने के बाद कौन-सा पेज खुलेगा यह सभी बातो को ध्यान मे रखकर कोड किया जाता है और फिर इसके बाद सब कुछ ठिक से होने के बाद इसका ऐपीके(APK) बनाया जाता है इसका फुल फोर्म(FULL FORM) एंड्राईड पैकेज किट(ANDROID PACKAGE KIT) है जिसे छोटा करके लिखा जाता है और फिर इसे प्ले स्टोर(PLAY STORE) या वेबसाईट(WEBSITE) पर अपलोड(UPLOAD) कर दिया जाता है और वहा से सभी लोग इसे डाउनलोड(DOWNLOAD) कर लेते है। अब हम आगे जानेगे की कैसे आप भी ऐप्लीकेशन बना सकते है।

आप एंड्राईड ऐप्लीकेशन कैसे बना सकते है ?(HOW YOU ARE MADE A APPLICATION)


अगर आप एक एंड्राईड ऐप्लीकेशन बनाना चाहते है तो आपको तो आपको कोडिंग की आवश्यक्ता पडेगी वैसे तो आप बिना कोडिंग के भी बना सकते है लेकिन आप एक बहुत अच्छी तो बहुत सारे कार्य करती हो उस तरह की नही बना पाएंगे लेकिन अगर आप कोडींग से बनाते है तो आप अपने हिसाब से उसमे जो कुछ बनाना या कार्य करवाना चाहते हो वह कर पाएंगे और एक अच्छी सुंदर ऐप बना सकते है इसके लिए आपको "जावा(JAVA)" या "कोटलीन(KOTLIN)" नामक कम्प्युटरी भाषाओ/कोड को सिखना होगा यह इसलिए की एंड्राईड स्टुडिओ जिसमे एंड्राईड ऐप बनाया जाता है वह "जावा(JAVA)" और "कोटलीन(KOTLIN)" भाषा के द्वारा ही कोड करने के लिए कहता है और उसमे इन दोनो भाषाओ/कोड को ही स्वीकार्य किया जाता है। इसलिए आपको यह सिखना होगा इसके बाद आपको एंड्राईड स्टुडिओ इस सॉफ्टवेअर को डाउनलोड करना होगा और इंस्टाल करना होगा इसके आप गुगल पर सिर्फ एंड्राईड स्टुडिओ(ANDROID STUDIO) लिख दे वह आपको इसकी ऑफिशियल(OFFICIAL) वेबसाईट दिखा देगा जिसपर आप क्लिक करके आप इसे डाउनलोड कर ले।

एंड्राईड स्टुडिओ डाउनलोड करते समय ध्यान दे की वह आप उसे कम्प्युटर के हिसाब से डाउनलोड करे जैसे की अगर आप उसे विंडोस(WINDOWS) पर डाउनलोड कर रहे है तो विंडोस(WINDOWS) वाला पैकेज या सॉफ्टवेअर ले अगर मॅकओएस(macOS) मे कर रहे है तो मॅकओएसवाला(macOS) ही डाउनलोड करे और इसकी पहचान करना बहुत आसान है यह बाते वही पर लिखी होती है। एंड्राईड स्टुडिओ बडा सॉफ्टवेअर है यह लगभग 800-900 MB का है लेकिन जब यह इंस्टाल होता है तब इसका आकार बढ जाता है और इसे इंस्टाल करते समय अपना इंटरनेट चालू ही रखे ताकी यह पुरी तरह से डाउनलोड हो जाए यह कुछ समय लेगा और एंड्राईड स्टुडिओ डाउनलोड करने के बाद आप इसे अच्छी तरह से देखे और कौन-सा बटन कहाँपर है और कौन-कौन से फंक्शन(FUNCTION) क्या करते है इसके बारे मे जाने और अब आप एक ऐप बना सकते है।





कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- एंड्राईड स्टुडिओ मे ऐप(APP) बनाने के लिए आपको एंड्राईड के बारे जान ले और एंड्राईड स्टूडिओ(ANDROID STUDIO) के भी अपने ही कुछ अलग कोड है आपको वह भी जानना होगा जो की आपको एक उत्तम(BETTER) ऐप बनाने मे सहायता करेंगे और इसके बारे मे जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है इसके बिना कही न कही अटक जाएंगे अथवा आपका एंड्राईड ऐप कभी पुरा नही होगा इसकी जानकारी इसकी ऑफिशियल(OFFICIAL) वेबसाईट पर उपलब्ध है लेकिन अगर आपको दिक्कत आती है तो हमने इसे अपनी वेबसाईट पर इसे हमने अच्छे से हिंदी मे समझाया है आप वहाँ से सीख सकते है।

रविवार, 29 मार्च 2020

ग्राफिक कार्ड क्या होता है और इसके कार्य क्या होते है जाने हिंदी मे (WHAT IS GRAPHIC CARD AND WHAT IS WORKS IN COMPUTER)(IN HINDI)



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ग्राफिक कार्ड क्या होता है (WHAT IS GRAPHIC CARD IN COMPUTER)



ग्राफिक कार्ड क्या होता अथवा इसके बारे मे (WHAT IS GRAPHIC CARD AND ABOUT GRAPHIC CARD) -

ग्राफिक कार्ड यह कम्प्युटर मे होता है। ग्राफिक कार्ड को विडियो कार्ड भी कहते है और यह कम्प्युटर मे विडियो कंट्रोलर,ग्राफिक ग्राफिक एडाप्टर,डिस्प्ले एडाप्टर के नाम से उच्चारित किया जाता है। ग्राफिक कार्ड कम्प्युटर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है यह आम तौर पर गॅमिंग के लिए होता है,सॉफ्टवेयर बनाने और कम्प्युटर पर अधिक काम करनेवाले इसका उपयोग करते है।

ग्राफिक कार्ड क्या कार्य करता है(WORK OF GRAPHIC CARD IN COMPUTER)

ग्राफिक कार्ड(GRAPHIC CARD) कम्प्युटर मे फोटो(PHOTO,PICTURES),विडियो(VIDEOS) और एनीमेशन(ANIMATION) को कम्प्युटर स्क्रिन(SCREEN,DISPLAY) पर दिखाता है इसे ऐसा करने के लिए सबसे पहले ग्राफिकल डेटा(GRAPHICAL DATA) को सिंगनल(SIGNALS) मे बदल देता है जिससे कम्प्युटर(COMPUTER) उसे समझकर स्क्रीन पर दिखाता है। यह कार्य सीपीयू(CPU) द्वारा संचालित किया जाता है। ग्राफिक कार्ड दो तरह के होते है एक जो की कम्पनी(COMPANY) से ही मदरबोर्ड(MOTHERBOARD) पर लगाया(INTERGRETED GRAPHIC CARD) होता है और दुसरा जिसे आपको बाहर से लगाना(DEDICATED GRAPHIC CARD) होता है।

अब आप सोच रहे होंगे की बाहर से क्यु लगाने की आवश्यकता पडती है इसका उत्तर यह है की आमतौर पर हम या अधिकतर लोग जो कम्प्युटर मे सामान्य कार्य करते है और छोटे-मोटे गेम खेलते है और सामान्य फोटो और विडियो देखते है ऐसे मे कम्पनी द्वारा दिए गए ग्राफिक कार्ड पर यह चीजे चल जाती है लेकिन यदि आप अपने कम्पयुटर पर भारी-भरकम(बडे और भारी-भरकम गेम खेलना,एनिमेशन बनाना आदि) करना शुरु करते है तो कम्पयुटर बंद होना,रुक-रुककर चलना,अटक जाना ऐसी दिक्कते आती है ऐसे मे आपको बाहर से दुसरा और बेहतर श्रेणी का ग्राफिक कार्ड लेना होता है जो ज्यादा भारी-भरकम कार्य करने के लिए सक्षम हो, इससे आप अपने कम्पयुटर मे सॉफ्टवेयर बनाने,गेम बनाने,गेम खेलने का कार्य,विडियो और फोटो एडिटिंग(EDITING) करने का कार्य बहुत ही आसानी से कर पाते है और सीपीयू पर ज्यादा भार नही पडता। अगर कम्पनी ने पहले से ही अच्छा ग्राफिक कार्ड दिया हो तो बाहर से नही लगाए तभी लगाए जब आपको कोई दिक्क्त आती है।

अगर आप लॅपटॉप(LAPTOP) मे आप कार्य करते है और उसमे कम्पनी द्वारा ग्राफिक कार्ड लगाया गया है और आपको दिक्क्ते आ रही है तो आप डेस्क्टॉप(DESKTOP) पर अपना कार्य करे क्योंकी डेस्क्टॉप बहुत अच्छा कार्य करता है और कम भार लेते है। इंटरग्रेटेड ग्राफिक कार्ड(INTERGRETED GRAPHIC CARD) पावर(POWER) कम मात्रा मे लेते है लेकिन उनके कार्य धीरे होता है और वह भारी-भरकम कार्य के लिए नही होते इसलिए डेस्क्टॉप का उपयोग भारी-भरकम कार्य करने के लिए उपयोग करे और उसी मे डेडीकेटेड ग्राफिक कार्ड(DEDICATED GRAPHIC CARD) लगवाये। डेडीकेटेड ग्राफिक कार्ड पावर ज्यादा लेते है लेकिन उनका कार्य बहुत तेज़ अथवा भारी-भरकम कार्य करने के लिए सक्षम होता है।

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

पसीने से बदबू आने का क्या कारण है जाने हिंदी मे (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)(IN HINDI) - KNOWLEDGE IN MAATRABHASHA



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हमारे शरीर के पसीने से बदबू क्यू आती है (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)



पसीने से बदबू आना -


अधिकतर कई लोगो के पसीने से बदबू आती है जिससे आस-पास के लोग और खुद वह आदमी परेशान हो जाता है ऐसे मे यह सवाल आता होगा की पसीने से बदबू क्यू आती है। पसीने की कोई गंध नही होती है तो यह सोचना बंद कर दे की पसीना ही बदबूदार है ऐसा नही है, पसीने से बदबू तब आती वैसे इसके कई कारण है लेकिन हम आपको शारीरिक कारण बता रहे है पहले तो बदबू तब आती है पसीने से जब इसमे शरीर के बॅक्टीरिया मिल जाते है अथवा शरीर मे पानी की मात्रा कम होने से भी पसीने से बदबू आती है इसके अलावा जब हम तनाव लेते या तनाव मे होते है तब पसीना निकलता है इसके अलावा उसी समय कार्टिसोल नामक हार्मोन निकलता है और इन दोनो के एक साथ निकलने के कारण बदबू आती है।

यह भी कारण है पसीने से बदबू आने का (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीने मे बदबू इन कारणो से भी आती है ( THIS IS ALSO THE REASON WHY THE SWEAT SMELLS BAD)

कपडो की वजह से(पसीना नही सोखनेवाले कपडो से)
एंटी बॅक्टीरियल इत्र की वजह से
बहुत अधिक दवाईया खाने से
मसालेदार खाने से

गुरुवार, 26 मार्च 2020

पसीना आने का क्या कारण है( WHAT REASON DO WE SWEAT) जाने हिंदी मे (IN HINDI)



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हमे पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)



पसीने के बारे कुछ बाते(ABOUT SWEAT) -


पसीना आना यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जो बहुत ही आवश्यक प्रक्रिया है। पसीना निकलना एक तरह से शरीर के लिए एसी अथवा कुलर का कार्य करता है और जब पसीना निकलता है उसके साथ मे विषाक्त(विषैले) पदार्थ बाहर निकल जाते है।

पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीना इन कारणो से भी आता है (ALSO THESE REASONS DO WE SWEAT)

गर्म खाना या मसालेदार खाने से
तनाव होनेपर
कसरत,जिम या योगा करनेपर
सिगरेट पीनेपर
दवा खाने पर
गर्मी या उमस मे (मौसम के कारण)


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