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पिंग क्या होता है और इसके बारे मे
पिंग यह दो डिवाइस के बीच की सम्पर्क करने की क्षमता मे कितना समय लगा यह बताता है इसे लेटेंसी(LATENCY) भी कहते है। उदाहरण के तौर पर यदि आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हो और वह आपसे कुछ दुरी पर है और आप ने कुछ कहा और वह आवाज उस तक पहुंचने मे 10 सेकंड का समय लगा और उसने कुछ कहा और वह आवाज आप तक पहुंचने मे 10 सेकंड का समय लगा आप दोनो के बीच हुई बात को एक-दुसरे तक पहुंचने मे कुल 20 सेकंड लगा यह जो समय लगा इसे ही पिंग कहते है ठिक इस प्रकार तकनीकी साधनो मे भी इस प्रकार होता है अथवा मोबाइल और कम्प्युटर मे इसी प्रकार होता है।
पिंग को मिली-सेकंड(MS,ms) मे मापा जाता है और पिंग को हमेशा कम स्तर पर ही होना चाहिए नही तो यह काफी बडी परेशानी बन सकता है विशेष रुप से उनके लिए जो ऑनलाईन गेम खेलते है जैसे की यदि आप कोई गेम खेल रहे हो और आपने अभी कोई प्रतिक्रिया की और उस समय पिंग ज्यादा यानी लगभग 1000 मिलीसेकंड अर्थात 1 सेकंड चल रहा है तो आपकी प्रत्येक की गई क्रिया 1 सेकंड के बाद गेम उपस्थित किरदार मे क्रिया होगी और यदि पिंग 10-100 मिली-सेकंड के बीच हो तो आपकी की गई क्रिया तुरंत उस किरदार मे होगी और आप बेहतर गेम का लाभ उठा सकते है और वही पिंग ज्यादा हो तो आप परेशान हो सकते है आपका गेम खेलने का मन ही नही करेगा । पिंग 1-100 मिलीसेकंड के बीच हो तो अच्छा होता है और सबसे जरुरी बात मोबाइल और कम्प्युटर एक-दुसरे के बीच प्रतिक्रिया करने के समय को लेटेंसी कहा जाता है और इसे मापने की क्रिया को पिंग कहते है।
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