सोमवार, 13 जनवरी 2020

WHAT IS SLR IN HINDI जानिए क्या होता है एसएलआर हिंदी मे



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SLR क्या है और यह किस तरह उपयोग मे आता है



SLR(एसएलआर) के बारे मे

एसएलआर इसका पुरा नाम स्टाटोरी लिक्विडिटी रेशो(STATORY LIQUIDITY RATIO) है और यह आरबीआई(RBI) द्वारा कमर्शिल बॅन्को(COMMERCIAL BANK) से लिया जाता है जिसके बदले मे आरबीआई कमर्शिल बॅन्को को इसपर ब्याज देती है और बॅन्को का कुछ प्रतिशत तक मुनाफा इससे भी होता है इसे नकद, सोना और आदि के रुप मे होता है जिसे आरबीआई(RBI) अपने पास रखती है। एसएलआर हर कमर्शिल बॅन्क को आरबीआई को देना ही पडता है यह नियम है और यदि कोई बॅन्क इसे देने मे असमर्थ होता है तो उसे पेनाल्टी(PENALTY) देना पडता है।

एसएलआर(SLR) आरबीआई द्वारा क्यु लिया जाता है

यह इसलिए लिया जाता है ताकी महंगाई को नियंत्रित किया जाता है। आरबीआई एसएलआर और सीआरआर के द्वारा महंगाई को नियंत्रित करता है जिसमे सीआरआर भी महत्वपुर्ण भूमिका निभाता है और एसएलआर इसमे प्रमुख भूमिका निभाता है। एसएलआर आरबीआई द्वारा इसलिए भी लिया जाता है ताकी बॅन्क अपने ग्राहको ज्यादा कर्ज देने से बचे ऐसा इसलिए की कई कर्ज समय सीमा के अंदर नही आने से बॅन्क को ज्यादा क्षति न हो और बॅन्क दिवालियापन की तरफ ना जाये। आरबीआई यह कैसे करता है इसके बारे मे नीचे बताया गया है।

आरबीआई एसएलआर के द्वारा कैसे महंगाई को नियंत्रित करता है

हम आपको यह उदाहरण द्वारा समझाएंगे जैसे की मान लो देश मे नकदी ज्यादा है तो आरबीआई सीआरआर और एसएलआर का अनुपात बढा देते है इससे बॅन्क अपने पास कम राशि रख पाता है जिससे वह अपने ग्राहको के कर्जे,लोन पर ब्याज बढा देता है जिससे ग्राहक कोई वस्तु अगर बॅन्क लोन से द्वारा लेना चाह्ता है तो नही लेता क्योकी इस समय ब्याजदर बढी हुई होती है जिससे देश और बाज़ार मे नकदी कम होती है और इससे नकदी नियत्रण मे आ जाती है ऐसा तब होता जब बाज़ार और देश मे नकदी होती है तब ऐसा किया जाता है लेकिन जब देश और बाज़ार मे महंगाई ज्यादा होती है तो ठिक इसका उल्टा किया जाता है जैसे की इसका अनुपात कम कर दिया जाता है जिससे बॅन्क ब्याजदर कम कर देता है और ग्राहक कम ब्याजदर(INTEREST RATE) को देखकर वस्तुए खरीदते है बाज़ार मे नकदी फैल जाती है जिससे महंगाई कम होती है।

एक और उदाहरण देते है जैसे की एक बॅन्क के पास 100 करोड की राशि है जिसमे से उसे 4% सीआरआर देना है(सीआरआर(CRR) पर कोई ब्याज नही मिलता है और न ही बॅन्क इसे आरबीआई से ले सकता है) और उसे एसएलआर 16% तक देना है तो 100 करोड का 4% यानी की 4 करोड होता है और 16% यानी की 16 करोड होता है तो कुल मिलाकर बॅन्क को 20 करोड देना है जिसमे से उसे 16 करोड पर आरबीआई कमर्शिल बॅन्क को ब्याज देगा यह लगभग 7%-9% तक हो सकता है चूंकी इसका अनुपात हर समय अलग-अलग होता है तो एक दम सही बताना मुश्किल है आप इसे ऑनलाईन जाकर देख सकते है।

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