अगर आप इस पोस्ट या वेबसाइट से जुडे अपडेट देखना चाहते है या इस वेबसाइट के नए पोस्ट देखना चाहते है
तो आप नीचे दिए गए वेबसाइट के बटन पर क्लिक करे
फिल्मे पैसा कैसे कमाती है(HOW FILM INDUSTRIES MAKING MONEY)
कुल फिल्म बनाने का खर्चा(MOVIE MAKING COST)
फिल्मे बनाने के लिए खर्चा तो होता है अगर कोई शानदार फिल्म बनानी होतो फिल्मो पर खर्चा तो ज्यादा हो ही जाता है अर कभी-कभी फिल्म रिलीज होने बाद भी अपना खर्चा नही निकाल पाती है तो ऐसे मे फिल्म निर्माताओ(PRODUCER) की जेब बहुत बुरी तरह
से कटती है तो ऐसे मे फिल्म निर्माताओ के पास और भी तरिके होते है फिल्मो से पैसे कमाने के तो आज हम आपको इसी के बारे मे बतानेवाले है की फिल्मे पैसे कैसे कमाती है। फिल्म जब बनकर तैयार हो जाती है और जब उसका खर्च बताया जाता है तो
उसमे सभी खर्च होते है जैसे की कलाकार की फिस,शूटिंग के लिए ली गई जगह का किराया,सभी का खाना-पीना और रहने और तो और विज्ञापन और प्रमोशन का खर्च भी मिलाया जाता है।
फिल्म बनने के बाद उसका थियेटर तक का सफर (FILM GOES TO THETRE)
फिल्म बनने के बाद उसे वितरक के पास भेजी जाती है कई निर्माता तो खुद की वितरक(DISTRIBUTING) कंपनी रखते है और एक वितरक(DISTRIBUTOR) थियेटर मालिको के साथ एक समझौता यानी की करारनामा(AGREEMENT) होता है जिसका हर एक थियेटर मालिक पालन करता है उसमे वितरक
का हिस्सा भी दर्शाया गया होता है और इसपर समझौता पक्का होते ही इसकी रिलीज की तारीख और इसे देशभर मे कितनी स्क्रीन(SCREENS) मिली है उसे जनता को बताया जाता है और उसके बाद रिलीज के दिन पर फिल्म रिलीज होती है।
फिल्मे पैसा कैसे कमाती है (HOW MOVIES MAKING MONEY)
फिल्म का मुख्यत: पैसे कमाने का भडार तो थियेटर ही होते है जिनमे दर्शक फिल्म देखने जाते है वहाँ दर्शको(AUDIENCE) को टिकट लेना पडता है और इसी टिकट के जरिए फिल्मे पैसा कमाती है। फिल्मे पैसे कितना कमाएंगी यह फिल्म और उसे मिली स्क्रीन्स पर होता है
जो बहुत असर करता है तो अब टिकटो से पैसे कैसे कमाए जाते है इसपर आते है तो हम आपको एक उदाहरण देते है की समझो यदि कोई फिल्म आपने बना ली और उसका कुल खर्च लगभग 50 करोड हुआ
अब उस फिल्म को देशभर मे 3000 स्क्रीन मिली है जिसमे से सिंगल स्क्रीन थियेटर(SINGLE SCREEN THETRE) 2000 और मल्टिप्लेक्स थियेटर(MULTIPLEX THETRE) 1000 है अब सिंगल और मल्टीप्लेक्स थियेटर मे से वितरक को सिंगल स्क्रीन थियेटर से ज्यादा मुनाफा होता है और उससे थोडा
ज्यादा मुनाफा मल्टीप्लेक्स थियेटर से होता है ऐसा क्यु होता है इसके बारे मे हम आपको आगे बताएंगे अभी जान लेते है फिल्म बनाने की पुरी प्रक्रिया तो जैसे की फिल्म को स्क्रीन्स तो मिल गई तो अब उसे रिलीज कर दिया आपने तो अब आपकी
फिल्म पैसे कैसे कमाती है जान लेते है मान लो 2000 सिंगल स्क्रीन थियेटर मे एक टिकट 100 रुपए की है और कुल मिलाकर उस थियेटर मे 150 सीट है और आपकी फिल्म उस थियेटर मे एक दिन मे 8 बार दिखाई जाती है और रिलीज के दिन
सभी थियेटर की सभी सीट खरिद ली जाती है अथवा थियेटर हाउसफुल हो जाती है और मल्टीप्लेक्स थियेटर की 1000 स्क्रीन है और वहाँ टिकट 150 रुपए और सीट 150 है और पहले दिन थियेटर हाउसफुल होता है और दिन मे फिल्म को 8 बार दिखाया जाता है तो अब हिसाब
करते है आपकी फिल्म ने पहले दिन कितनी कमाई की।
तो 2000 स्क्रीन X 150 सीट = 3,00,000 सीट
3,00,000 X 100 रुपए टिकट = 3,00,00,000 करोड सिंगल स्कीन से और अब इसे 8 बार गुना कर लेते है क्योकी दिन मे 8 बार फिल्म दिखाई गई है
3 करोड X 8 = 24 करोड एक दिन मे कमाई फिल्म ने सिंगल स्कीन थियेटर से अब मल्टिप्लेक्स थियेटर का भी हिसाब लगा लेते है।
तो 1000 स्क्रीन X 150 सीट = 1,50,000 सीट
1,50,000 सीट X 150 रुपए टिकट = 2,25,00,000 लाख यानी की दो करोड पच्चीस लाख रुपए अब इसे 8 बार गुना कर लेते है
2,25,00,000 X 8 = 18,00,00,000 करोड यानी की अट्ठारह करोड होते है अब इन दोनो को जमा कर देते है
24 करोड + 18 करोड = 42 करोड रुपए एक दिन मे आपकी फिल्म ने कमा लिए और
आपकी फिल्म ऐसे ही पुरे ह्फ्तेभर चलती है तो आपकी फिल्म एक हफ्ते मे 294 करोड तक कमाती है यानी की आपके बजट का 6 गुणा ज्यादा पैसा आप कमा लेते है
लेकिन ऐसा नही होता है
कई थियेटर मे फिल्म हाउसफुल नही हो पाती है कभी-कभी फिल्म दर्शको पसंद नही आती है ऐसे मे फिल्म कम कमाई करती है और जितना कमाई करती है उतना आपके पास नही पहुच पाता है तो अब आप सोच रहे होंगे की कैसे।
फिल्म कमाने के बाद किसको कितना पैसा मिलता है(HOW MUCH MONEY GOES TO PRODUCER AND DISTRIBUTOR)
जैसा की हमने बताया की फिल्म कमाई करने के बाद भी पुरा पैसा नही मिलता है तो वह कैसे जानते है जैसे की हमने आपको लेख की शुरुआत मे ही बताया था की थियेटर मालिको का हिस्सा भी होता है और वितरक का भी हिस्सा होता है तो ऐसे मे एक
करारनामा होता है जिसमे वितरक और थियेटर मालिक का हिस्सा होता है और वह हिस्सा एस प्रकार होता है जैसे कोई थियेटर सिंगल स्क्रीन का होता है उसमे लगी फिल्म की कमाई का कुल 70%-90% तक हिस्सा वितरक का होता है और यह हर हफ्ते
बदल जाता है जैसे की पहले हफ्ते मे 70%-90% तक होता है वैसे की दुसरे हफ्ते मे यह भी यह उतना ही होता है सिंगल स्क्रीन थियेटर मे वितरक का हिस्सा हर हफ्ते उतना ही होता है लेकिन कही-कही यह हिस्सा कम ज्यादा भी होता है और अब मल्टीप्लेक्स
थियेटर के बारे मे यहाँ वितरक का हिस्सा हफ्ते दर हफ्ते बदलता ही है ऐसा क्यु होता है यह हम बोनस लेख मे बताएंगे जो काले अक्षरो मे होता है तो मल्टीप्लेक्स थियेटर मे वितरक और थियेटर मलिक का हिस्सा 50% तक दोनो का होता है और दुसरे हफ्ते यह और भी कम हो
जाता है लगभग 42% तक हो जाता है, तीसरे हफ्ते यह और भी कम हो जाता है लगभग 35% और चौथे हफ्ते मे यह और भी कम हो जाता है लगभग 22%-25% तक उसके बाद फिल्म थियेटर मे से हटा दी जाती है।
अब फिल्म मे से किसने कितना कमाया कमाई का कुल 30% तक सरकार को देना पड्ता है मनोरंजन कर का और उसके बचने के बाद वितरक और थियेटर मालिक का हिस्सा होता है जैसा की समझो फिल्म ने 100 करोड कमाई कर ली उसमे से 30% मनोरंजन कर 30 करोड अब बचे 70 करोड जिसमे से वितरक और थियेटर मालिक अपना हिस्सा लेते है करारपत्र के हिसाब से।
वितरक मल्टीप्लेक्स थियेटर से कम हिस्सा लेता है क्योंकी इसमे टिकट महंगी होती है और इन थियेटरो मे सुविधाए भी अच्छी होती है इसलिए यहाँ दर्शक आते है पैसे भी देते है जिसकी वजह से वितरक कम हिस्सा लेता है और कही-कही वितरक की मल्टीप्लेक्स थियेटर मलिको के द्वारा बात नही सुनी जाती क्योंकी थियेटर मलिको के पास अन्य विक्ल्प भी होते है यह भी कारण होता है और वही सिंगल स्क्रीन थियेटर मे एक ही स्क्रीन होती है तो थियेटर मालिको को नई- नई फिल्म ही लगानी पड्ती है इसलिए वहा थियेटर मलिक वितरक की शर्ते मान लेते है और यहा सुविधाए मल्टीप्लेक्स थियेटर के जैसी नई होने के कारण भी होता है।
कई फिल्मो मे फिल्म के निर्माता ही वितरक का कार्य करते है तो फिल्म का पैसा सीधा फिल्म मालिको के पास जाता है और कही-कही फिल्म निर्माता किसी अन्य वितरक को फिल्म भी बेच सकते है ऐसे फिल्म कमाने का लाभ या हानि वितरक ही लेता है। आजकल फिल्म उद्योग मे निर्माता ही वितरक का कार्य करते है। इसके अलावा फिल्मे अपनी फिल्म किसी टीवी चैनल पर फिल्म दिखाने के भी पैसे लेते है और वह अपने फिल्म के संगीत के राईट्स बेचकर भी पैसे कमाते है।
फिल्म बनने के बाद उसका थियेटर तक का सफर (FILM GOES TO THETRE)
फिल्म बनने के बाद उसे वितरक के पास भेजी जाती है कई निर्माता तो खुद की वितरक(DISTRIBUTING) कंपनी रखते है और एक वितरक(DISTRIBUTOR) थियेटर मालिको के साथ एक समझौता यानी की करारनामा(AGREEMENT) होता है जिसका हर एक थियेटर मालिक पालन करता है उसमे वितरक का हिस्सा भी दर्शाया गया होता है और इसपर समझौता पक्का होते ही इसकी रिलीज की तारीख और इसे देशभर मे कितनी स्क्रीन(SCREENS) मिली है उसे जनता को बताया जाता है और उसके बाद रिलीज के दिन पर फिल्म रिलीज होती है।
फिल्मे पैसा कैसे कमाती है (HOW MOVIES MAKING MONEY)
फिल्म का मुख्यत: पैसे कमाने का भडार तो थियेटर ही होते है जिनमे दर्शक फिल्म देखने जाते है वहाँ दर्शको(AUDIENCE) को टिकट लेना पडता है और इसी टिकट के जरिए फिल्मे पैसा कमाती है। फिल्मे पैसे कितना कमाएंगी यह फिल्म और उसे मिली स्क्रीन्स पर होता है जो बहुत असर करता है तो अब टिकटो से पैसे कैसे कमाए जाते है इसपर आते है तो हम आपको एक उदाहरण देते है की समझो यदि कोई फिल्म आपने बना ली और उसका कुल खर्च लगभग 50 करोड हुआ अब उस फिल्म को देशभर मे 3000 स्क्रीन मिली है जिसमे से सिंगल स्क्रीन थियेटर(SINGLE SCREEN THETRE) 2000 और मल्टिप्लेक्स थियेटर(MULTIPLEX THETRE) 1000 है अब सिंगल और मल्टीप्लेक्स थियेटर मे से वितरक को सिंगल स्क्रीन थियेटर से ज्यादा मुनाफा होता है और उससे थोडा ज्यादा मुनाफा मल्टीप्लेक्स थियेटर से होता है ऐसा क्यु होता है इसके बारे मे हम आपको आगे बताएंगे अभी जान लेते है फिल्म बनाने की पुरी प्रक्रिया तो जैसे की फिल्म को स्क्रीन्स तो मिल गई तो अब उसे रिलीज कर दिया आपने तो अब आपकी फिल्म पैसे कैसे कमाती है जान लेते है मान लो 2000 सिंगल स्क्रीन थियेटर मे एक टिकट 100 रुपए की है और कुल मिलाकर उस थियेटर मे 150 सीट है और आपकी फिल्म उस थियेटर मे एक दिन मे 8 बार दिखाई जाती है और रिलीज के दिन सभी थियेटर की सभी सीट खरिद ली जाती है अथवा थियेटर हाउसफुल हो जाती है और मल्टीप्लेक्स थियेटर की 1000 स्क्रीन है और वहाँ टिकट 150 रुपए और सीट 150 है और पहले दिन थियेटर हाउसफुल होता है और दिन मे फिल्म को 8 बार दिखाया जाता है तो अब हिसाब करते है आपकी फिल्म ने पहले दिन कितनी कमाई की।
तो 2000 स्क्रीन X 150 सीट = 3,00,000 सीट
3,00,000 X 100 रुपए टिकट = 3,00,00,000 करोड सिंगल स्कीन से और अब इसे 8 बार गुना कर लेते है क्योकी दिन मे 8 बार फिल्म दिखाई गई है
3 करोड X 8 = 24 करोड एक दिन मे कमाई फिल्म ने सिंगल स्कीन थियेटर से अब मल्टिप्लेक्स थियेटर का भी हिसाब लगा लेते है।
तो 1000 स्क्रीन X 150 सीट = 1,50,000 सीट
1,50,000 सीट X 150 रुपए टिकट = 2,25,00,000 लाख यानी की दो करोड पच्चीस लाख रुपए अब इसे 8 बार गुना कर लेते है
2,25,00,000 X 8 = 18,00,00,000 करोड यानी की अट्ठारह करोड होते है अब इन दोनो को जमा कर देते है
24 करोड + 18 करोड = 42 करोड रुपए एक दिन मे आपकी फिल्म ने कमा लिए और
आपकी फिल्म ऐसे ही पुरे ह्फ्तेभर चलती है तो आपकी फिल्म एक हफ्ते मे 294 करोड तक कमाती है यानी की आपके बजट का 6 गुणा ज्यादा पैसा आप कमा लेते है
लेकिन ऐसा नही होता है
कई थियेटर मे फिल्म हाउसफुल नही हो पाती है कभी-कभी फिल्म दर्शको पसंद नही आती है ऐसे मे फिल्म कम कमाई करती है और जितना कमाई करती है उतना आपके पास नही पहुच पाता है तो अब आप सोच रहे होंगे की कैसे।
फिल्म कमाने के बाद किसको कितना पैसा मिलता है(HOW MUCH MONEY GOES TO PRODUCER AND DISTRIBUTOR)
जैसा की हमने बताया की फिल्म कमाई करने के बाद भी पुरा पैसा नही मिलता है तो वह कैसे जानते है जैसे की हमने आपको लेख की शुरुआत मे ही बताया था की थियेटर मालिको का हिस्सा भी होता है और वितरक का भी हिस्सा होता है तो ऐसे मे एक करारनामा होता है जिसमे वितरक और थियेटर मालिक का हिस्सा होता है और वह हिस्सा एस प्रकार होता है जैसे कोई थियेटर सिंगल स्क्रीन का होता है उसमे लगी फिल्म की कमाई का कुल 70%-90% तक हिस्सा वितरक का होता है और यह हर हफ्ते बदल जाता है जैसे की पहले हफ्ते मे 70%-90% तक होता है वैसे की दुसरे हफ्ते मे यह भी यह उतना ही होता है सिंगल स्क्रीन थियेटर मे वितरक का हिस्सा हर हफ्ते उतना ही होता है लेकिन कही-कही यह हिस्सा कम ज्यादा भी होता है और अब मल्टीप्लेक्स थियेटर के बारे मे यहाँ वितरक का हिस्सा हफ्ते दर हफ्ते बदलता ही है ऐसा क्यु होता है यह हम बोनस लेख मे बताएंगे जो काले अक्षरो मे होता है तो मल्टीप्लेक्स थियेटर मे वितरक और थियेटर मलिक का हिस्सा 50% तक दोनो का होता है और दुसरे हफ्ते यह और भी कम हो जाता है लगभग 42% तक हो जाता है, तीसरे हफ्ते यह और भी कम हो जाता है लगभग 35% और चौथे हफ्ते मे यह और भी कम हो जाता है लगभग 22%-25% तक उसके बाद फिल्म थियेटर मे से हटा दी जाती है। अब फिल्म मे से किसने कितना कमाया कमाई का कुल 30% तक सरकार को देना पड्ता है मनोरंजन कर का और उसके बचने के बाद वितरक और थियेटर मालिक का हिस्सा होता है जैसा की समझो फिल्म ने 100 करोड कमाई कर ली उसमे से 30% मनोरंजन कर 30 करोड अब बचे 70 करोड जिसमे से वितरक और थियेटर मालिक अपना हिस्सा लेते है करारपत्र के हिसाब से।
वितरक मल्टीप्लेक्स थियेटर से कम हिस्सा लेता है क्योंकी इसमे टिकट महंगी होती है और इन थियेटरो मे सुविधाए भी अच्छी होती है इसलिए यहाँ दर्शक आते है पैसे भी देते है जिसकी वजह से वितरक कम हिस्सा लेता है और कही-कही वितरक की मल्टीप्लेक्स थियेटर मलिको के द्वारा बात नही सुनी जाती क्योंकी थियेटर मलिको के पास अन्य विक्ल्प भी होते है यह भी कारण होता है और वही सिंगल स्क्रीन थियेटर मे एक ही स्क्रीन होती है तो थियेटर मालिको को नई- नई फिल्म ही लगानी पड्ती है इसलिए वहा थियेटर मलिक वितरक की शर्ते मान लेते है और यहा सुविधाए मल्टीप्लेक्स थियेटर के जैसी नई होने के कारण भी होता है। कई फिल्मो मे फिल्म के निर्माता ही वितरक का कार्य करते है तो फिल्म का पैसा सीधा फिल्म मालिको के पास जाता है और कही-कही फिल्म निर्माता किसी अन्य वितरक को फिल्म भी बेच सकते है ऐसे फिल्म कमाने का लाभ या हानि वितरक ही लेता है। आजकल फिल्म उद्योग मे निर्माता ही वितरक का कार्य करते है। इसके अलावा फिल्मे अपनी फिल्म किसी टीवी चैनल पर फिल्म दिखाने के भी पैसे लेते है और वह अपने फिल्म के संगीत के राईट्स बेचकर भी पैसे कमाते है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें