बुधवार, 8 जुलाई 2020

जानिए ANDROID STUDIO क्या है,कैसे काम करता है हिंदी मे(WHAT IS IT AND HOW IT'S WORK IN HINDI) - KIM


एंड्राईड स्टुडिओ (ANDROID STUDIO) क्या है और यह क्या-क्या कार्य करता है ?



एंड्राईड स्टुडिओ(ANDROID STUDIO) के बारे मे (क्या करता है और कौन-सा कार्य करता है) :-

एंड्राईड स्टुडिओ यह एक सॉफ्टवेअर है जिसमे हम एक एंड्राईड ऐप्लीकेशन या ऐप बना सकते है और उसे हम प्ले स्टोर पर भी रख सकते है जहाँ से बहुत से लोग आपकी ऐप डाउनलोड कर सकेंगे और अपने मोबाईल मे चला सकेंगे। एंड्राईड स्टुडिओ को दिसंबर,2014 मे गुगल द्वारा बनाकर लॉन्च किया गया था और तब से गुगल ने इसमे बहुत से बदलाव किए गए है और इसे एक बहुत ही अच्छा सॉफ्टवेअर बनाने के लिए अभी-भी बदलाव करते है और आप इसे किसी भी लैपटॉप या कम्प्युटर मे इंस्टाल कर सकते है वह चाहे विंडोस,लिनक्स या फिर मॅकओएस हो सभी मे इसका सॉफ्टवेअर डाउनलोड करने लायक है। आप एंड्राईड स्टुडिओ मे अपने मोबाईल फोन,डिजीटल घडी, टिवी,कार मे उपयोग होनेवाले सिस्टम आदि के लिए ऐप बना सकते है और इसके लिए आपको इसे सिखना होगा जिसके लिए आपको नीचे बताई गई वस्तुओ/बातो के बारे मे जानकारी होनी आवश्यक है अथवा इसका ज्ञान होना आवश्यक है।

  • सबसे पहले तो आपको अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना चाहिए( मामूली अंग्रेजी भी चल जाएगी )
  • आपको "जावा" या "कोटलिन" मे से कोई एक भाषा आनी चाहिए क्योकी आपको इनमे से ही किसी एक से एंड्राईड ऐप की कोडिंग करनी है तो आप इसे अच्छे से सीख ले ( यह दोनो कम्प्युटरी भाषाए है )
  • इसके अलावा आपको एंड्राईड मे कौन-से काम के लिए कौन-सा टॅग या कौन-सी पद्धति उपयोग की जाती है इसके बारे मे भी सिखना होगा और इसकी जानकारी आपको एंड्राईड स्टुडिओ के वेबसाईट पर मिल जाएंगी ( यह जानकारी आपको वहाँ अंग्रेजी मे मिलेगी अगर आप इसे हिंदी मे जानना चाहते है तो हमारे वेबसाईट पर देखे )

इस लेख मे दी गई सभी जानकारी ANDROID STUDIO के ऑफिशियल वेबसाईट से ली गई है आप नीचे क्लिक करके उनके ऑफिशियल वेबसाईट पर जा सकते है।

https://developer.android.com/studio/index.html




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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

एंड्राइड ऐप्लीकेशन/ANDROID APPLICATION(APP) कैसे बनाए जाते है और आप भी कैसे बना सकते है ? (MAKE YOUR OWN APPLICATION) - UNIQUE HINDI POST



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एंड्राईड ऐप्लीकेशन(ANDROID APPLICATION) कैसे बनाते है और क्या आप यह ऐप्लीकेशन बना सकते है ?



एंड्राईड ऐप कैसे बनाते है ?(HOW ANDROID APPLICATION ARE MADE ?)


ऐप्लीकेशन(ऐप) कई प्रकार की होती है जैसे एक गेम(GAME) ऐप्लीकेशन,खाना बनाने की रेसिपी(विधि) का ऐप्लीकेशन आदि प्रकार के ऐप्लीकेशन आपको देखने मिल जाएंगे प्ले स्टोर(PLAY STORE) पर जिसे बह्त से लोग डाउनलोड करते है उपयोग करते है जिसमे कई बार कुछ लोग को यह को जिज्ञासा होती होगी की यह ऐप्लीकेशन कैसे बनता है इसे किस तरह से बनाया जाता है और क्या मै इसे बना सकता हु तो प्रश्न का उत्तर है "हाँ" आप भी एक ऐप्लीकेशन बना सकते है लेकिन इससे पहले आपको यह समझना होगा की ऐप्लीकेशन बनते कैसे है।

तो आइये जानते है ऐप्लीकेशन कैसे बनाए जाते है हम आपको एंड्राईड ऐप्लीकेशन के बारे मे बतानेवाले है जो कि एक एंड्राईड डिवाईस(ANDROID DIVICE) मे काम करता है। एंड्राईड ऐप्लीकेशन को एंड्राईड स्टूडिओ(ANDROID STUDIO) नामक एक सॉफ्टवेअर(SOFTWARE) पर बनाया जाता है जिसे कम्प्युटर(COMPUTER) मे इंस्टाल(INSTALL) किया जाता है और कोडिंग के द्वारा यह बनाया जाता है आप इसे बिना कोडिंग के भी बना सकते है लेकिन वह ऐप्लीकेशन बहुत ज्यादा कार्यरत नही होगी। कोई भी ऐप्लीकेशन को कोडिंग की सहायता से ही बनाया जाता है जहाँ इसमे सभी प्रकार के पेज बनाए जाते है और कोड इस तरह से सेट किए जाते है जैसे की अगर आप कोई भी नई ऐप्लीकेशन पर लॉगिन करते है तो वह लॉगिन कैसे होगा वह लॉगिन पेग कैसे दिखेगा,आपके लॉगिन करने के बाद कौन-सा पेज खुलेगा यह सभी बातो को ध्यान मे रखकर कोड किया जाता है और फिर इसके बाद सब कुछ ठिक से होने के बाद इसका ऐपीके(APK) बनाया जाता है इसका फुल फोर्म(FULL FORM) एंड्राईड पैकेज किट(ANDROID PACKAGE KIT) है जिसे छोटा करके लिखा जाता है और फिर इसे प्ले स्टोर(PLAY STORE) या वेबसाईट(WEBSITE) पर अपलोड(UPLOAD) कर दिया जाता है और वहा से सभी लोग इसे डाउनलोड(DOWNLOAD) कर लेते है। अब हम आगे जानेगे की कैसे आप भी ऐप्लीकेशन बना सकते है।

आप एंड्राईड ऐप्लीकेशन कैसे बना सकते है ?(HOW YOU ARE MADE A APPLICATION)


अगर आप एक एंड्राईड ऐप्लीकेशन बनाना चाहते है तो आपको तो आपको कोडिंग की आवश्यक्ता पडेगी वैसे तो आप बिना कोडिंग के भी बना सकते है लेकिन आप एक बहुत अच्छी तो बहुत सारे कार्य करती हो उस तरह की नही बना पाएंगे लेकिन अगर आप कोडींग से बनाते है तो आप अपने हिसाब से उसमे जो कुछ बनाना या कार्य करवाना चाहते हो वह कर पाएंगे और एक अच्छी सुंदर ऐप बना सकते है इसके लिए आपको "जावा(JAVA)" या "कोटलीन(KOTLIN)" नामक कम्प्युटरी भाषाओ/कोड को सिखना होगा यह इसलिए की एंड्राईड स्टुडिओ जिसमे एंड्राईड ऐप बनाया जाता है वह "जावा(JAVA)" और "कोटलीन(KOTLIN)" भाषा के द्वारा ही कोड करने के लिए कहता है और उसमे इन दोनो भाषाओ/कोड को ही स्वीकार्य किया जाता है। इसलिए आपको यह सिखना होगा इसके बाद आपको एंड्राईड स्टुडिओ इस सॉफ्टवेअर को डाउनलोड करना होगा और इंस्टाल करना होगा इसके आप गुगल पर सिर्फ एंड्राईड स्टुडिओ(ANDROID STUDIO) लिख दे वह आपको इसकी ऑफिशियल(OFFICIAL) वेबसाईट दिखा देगा जिसपर आप क्लिक करके आप इसे डाउनलोड कर ले।

एंड्राईड स्टुडिओ डाउनलोड करते समय ध्यान दे की वह आप उसे कम्प्युटर के हिसाब से डाउनलोड करे जैसे की अगर आप उसे विंडोस(WINDOWS) पर डाउनलोड कर रहे है तो विंडोस(WINDOWS) वाला पैकेज या सॉफ्टवेअर ले अगर मॅकओएस(macOS) मे कर रहे है तो मॅकओएसवाला(macOS) ही डाउनलोड करे और इसकी पहचान करना बहुत आसान है यह बाते वही पर लिखी होती है। एंड्राईड स्टुडिओ बडा सॉफ्टवेअर है यह लगभग 800-900 MB का है लेकिन जब यह इंस्टाल होता है तब इसका आकार बढ जाता है और इसे इंस्टाल करते समय अपना इंटरनेट चालू ही रखे ताकी यह पुरी तरह से डाउनलोड हो जाए यह कुछ समय लेगा और एंड्राईड स्टुडिओ डाउनलोड करने के बाद आप इसे अच्छी तरह से देखे और कौन-सा बटन कहाँपर है और कौन-कौन से फंक्शन(FUNCTION) क्या करते है इसके बारे मे जाने और अब आप एक ऐप बना सकते है।





कुछ अधिक जानकारी(SOME MORE INFORMATION) :- एंड्राईड स्टुडिओ मे ऐप(APP) बनाने के लिए आपको एंड्राईड के बारे जान ले और एंड्राईड स्टूडिओ(ANDROID STUDIO) के भी अपने ही कुछ अलग कोड है आपको वह भी जानना होगा जो की आपको एक उत्तम(BETTER) ऐप बनाने मे सहायता करेंगे और इसके बारे मे जानना आपके लिए बहुत आवश्यक है इसके बिना कही न कही अटक जाएंगे अथवा आपका एंड्राईड ऐप कभी पुरा नही होगा इसकी जानकारी इसकी ऑफिशियल(OFFICIAL) वेबसाईट पर उपलब्ध है लेकिन अगर आपको दिक्कत आती है तो हमने इसे अपनी वेबसाईट पर इसे हमने अच्छे से हिंदी मे समझाया है आप वहाँ से सीख सकते है।

रविवार, 29 मार्च 2020

ग्राफिक कार्ड क्या होता है और इसके कार्य क्या होते है जाने हिंदी मे (WHAT IS GRAPHIC CARD AND WHAT IS WORKS IN COMPUTER)(IN HINDI)



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ग्राफिक कार्ड क्या होता है (WHAT IS GRAPHIC CARD IN COMPUTER)



ग्राफिक कार्ड क्या होता अथवा इसके बारे मे (WHAT IS GRAPHIC CARD AND ABOUT GRAPHIC CARD) -

ग्राफिक कार्ड यह कम्प्युटर मे होता है। ग्राफिक कार्ड को विडियो कार्ड भी कहते है और यह कम्प्युटर मे विडियो कंट्रोलर,ग्राफिक ग्राफिक एडाप्टर,डिस्प्ले एडाप्टर के नाम से उच्चारित किया जाता है। ग्राफिक कार्ड कम्प्युटर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है यह आम तौर पर गॅमिंग के लिए होता है,सॉफ्टवेयर बनाने और कम्प्युटर पर अधिक काम करनेवाले इसका उपयोग करते है।

ग्राफिक कार्ड क्या कार्य करता है(WORK OF GRAPHIC CARD IN COMPUTER)

ग्राफिक कार्ड(GRAPHIC CARD) कम्प्युटर मे फोटो(PHOTO,PICTURES),विडियो(VIDEOS) और एनीमेशन(ANIMATION) को कम्प्युटर स्क्रिन(SCREEN,DISPLAY) पर दिखाता है इसे ऐसा करने के लिए सबसे पहले ग्राफिकल डेटा(GRAPHICAL DATA) को सिंगनल(SIGNALS) मे बदल देता है जिससे कम्प्युटर(COMPUTER) उसे समझकर स्क्रीन पर दिखाता है। यह कार्य सीपीयू(CPU) द्वारा संचालित किया जाता है। ग्राफिक कार्ड दो तरह के होते है एक जो की कम्पनी(COMPANY) से ही मदरबोर्ड(MOTHERBOARD) पर लगाया(INTERGRETED GRAPHIC CARD) होता है और दुसरा जिसे आपको बाहर से लगाना(DEDICATED GRAPHIC CARD) होता है।

अब आप सोच रहे होंगे की बाहर से क्यु लगाने की आवश्यकता पडती है इसका उत्तर यह है की आमतौर पर हम या अधिकतर लोग जो कम्प्युटर मे सामान्य कार्य करते है और छोटे-मोटे गेम खेलते है और सामान्य फोटो और विडियो देखते है ऐसे मे कम्पनी द्वारा दिए गए ग्राफिक कार्ड पर यह चीजे चल जाती है लेकिन यदि आप अपने कम्पयुटर पर भारी-भरकम(बडे और भारी-भरकम गेम खेलना,एनिमेशन बनाना आदि) करना शुरु करते है तो कम्पयुटर बंद होना,रुक-रुककर चलना,अटक जाना ऐसी दिक्कते आती है ऐसे मे आपको बाहर से दुसरा और बेहतर श्रेणी का ग्राफिक कार्ड लेना होता है जो ज्यादा भारी-भरकम कार्य करने के लिए सक्षम हो, इससे आप अपने कम्पयुटर मे सॉफ्टवेयर बनाने,गेम बनाने,गेम खेलने का कार्य,विडियो और फोटो एडिटिंग(EDITING) करने का कार्य बहुत ही आसानी से कर पाते है और सीपीयू पर ज्यादा भार नही पडता। अगर कम्पनी ने पहले से ही अच्छा ग्राफिक कार्ड दिया हो तो बाहर से नही लगाए तभी लगाए जब आपको कोई दिक्क्त आती है।

अगर आप लॅपटॉप(LAPTOP) मे आप कार्य करते है और उसमे कम्पनी द्वारा ग्राफिक कार्ड लगाया गया है और आपको दिक्क्ते आ रही है तो आप डेस्क्टॉप(DESKTOP) पर अपना कार्य करे क्योंकी डेस्क्टॉप बहुत अच्छा कार्य करता है और कम भार लेते है। इंटरग्रेटेड ग्राफिक कार्ड(INTERGRETED GRAPHIC CARD) पावर(POWER) कम मात्रा मे लेते है लेकिन उनके कार्य धीरे होता है और वह भारी-भरकम कार्य के लिए नही होते इसलिए डेस्क्टॉप का उपयोग भारी-भरकम कार्य करने के लिए उपयोग करे और उसी मे डेडीकेटेड ग्राफिक कार्ड(DEDICATED GRAPHIC CARD) लगवाये। डेडीकेटेड ग्राफिक कार्ड पावर ज्यादा लेते है लेकिन उनका कार्य बहुत तेज़ अथवा भारी-भरकम कार्य करने के लिए सक्षम होता है।

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

पसीने से बदबू आने का क्या कारण है जाने हिंदी मे (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)(IN HINDI) - KNOWLEDGE IN MAATRABHASHA



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हमारे शरीर के पसीने से बदबू क्यू आती है (WHY DOES OUR BODY SMELL WITH SWEAT)



पसीने से बदबू आना -


अधिकतर कई लोगो के पसीने से बदबू आती है जिससे आस-पास के लोग और खुद वह आदमी परेशान हो जाता है ऐसे मे यह सवाल आता होगा की पसीने से बदबू क्यू आती है। पसीने की कोई गंध नही होती है तो यह सोचना बंद कर दे की पसीना ही बदबूदार है ऐसा नही है, पसीने से बदबू तब आती वैसे इसके कई कारण है लेकिन हम आपको शारीरिक कारण बता रहे है पहले तो बदबू तब आती है पसीने से जब इसमे शरीर के बॅक्टीरिया मिल जाते है अथवा शरीर मे पानी की मात्रा कम होने से भी पसीने से बदबू आती है इसके अलावा जब हम तनाव लेते या तनाव मे होते है तब पसीना निकलता है इसके अलावा उसी समय कार्टिसोल नामक हार्मोन निकलता है और इन दोनो के एक साथ निकलने के कारण बदबू आती है।

यह भी कारण है पसीने से बदबू आने का (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीने मे बदबू इन कारणो से भी आती है ( THIS IS ALSO THE REASON WHY THE SWEAT SMELLS BAD)

कपडो की वजह से(पसीना नही सोखनेवाले कपडो से)
एंटी बॅक्टीरियल इत्र की वजह से
बहुत अधिक दवाईया खाने से
मसालेदार खाने से

गुरुवार, 26 मार्च 2020

पसीना आने का क्या कारण है( WHAT REASON DO WE SWEAT) जाने हिंदी मे (IN HINDI)



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हमे पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)



पसीने के बारे कुछ बाते(ABOUT SWEAT) -


पसीना आना यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जो बहुत ही आवश्यक प्रक्रिया है। पसीना निकलना एक तरह से शरीर के लिए एसी अथवा कुलर का कार्य करता है और जब पसीना निकलता है उसके साथ मे विषाक्त(विषैले) पदार्थ बाहर निकल जाते है।

पसीना क्यू आता है (WHY DO WE SWEAT)

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट(F) होता है और जब तापमान इससे ज्यादा हो जाता है तो हमे पसीना आना शुरु हो जाता है अथवा कभी-कभी तापमान बढ जानेपर बुखार आ जाता है, बुखार आना यह संकेत होता है की शरीर के अंदर वह किटाणुओ से लड रहा है जो शरीर को आगे जाकर नुकसान या हानि पहुंचा सकते है। आपने कभी-ना-कभी ध्यान दिया होगा कि बुखार जाने के कुछ समय पहले पसीना निकलता है यह बुखार का कार्य पुरा होने के बाद शरीर अपने पसीने की ग्रंथियो को शुरु कर देता है जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है। हमारे शरीर मे पसीने की ग्रंथिया की संख्या पच्चीस लाख या इससे ज्यादा होती है।

पसीना इन कारणो से भी आता है (ALSO THESE REASONS DO WE SWEAT)

गर्म खाना या मसालेदार खाने से
तनाव होनेपर
कसरत,जिम या योगा करनेपर
सिगरेट पीनेपर
दवा खाने पर
गर्मी या उमस मे (मौसम के कारण)


रविवार, 22 मार्च 2020

तोप का आविष्कार कहाँ और कब हुआ अथवा किसने किया था (WHO INVENTED CANNON AND WHEN,WHERE ITS MADE)(IN HINDI



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तोप का आविष्कार कहाँ और कब हुआ अथवा किसने किया था (WHO INVENTED CANNON AND WHEN,WHERE ITS MADE)



तोप के बारे मे (ABOUT CANNONS)


तोप यह युद्ध करने के तरीके और युद्ध के मैदान मे बहुत ही घातक हथियार था और यह इतना शक्तिशाली इसे सबसे ज्यादा किले तोडने मे किया जाता था। तोप का गोला लोहे का होता था और तोप एक प्रकार की नली होती है मोटी-सी जिसमे पहले बारुद भारी मात्रा मे भरा जाता है और उसके बाद उसमे तोप का गोला डाला जाता है और तोप के आखरी हिस्से मे एक कपडा डाल के रखा जाता जिसमे बारुद लगाया जाता है(यह बारुद लगानेवाली प्रक्रिया सभी राजा अपने-अपने हिसाब से करते थे) और उस कपडे को आग लगाया जाता था जिससे वह आग बारुद तक पहुंच जाती थी और वह पुरे बारुद को तुरंत जलाकर एक विस्फोट पैदा कर दिया जाता था जिसके कारण गोने पर पुरा प्रभाव पडता था और वह तेजी से बाहर निकलता था और किले दीवारो को तोड देता था। आज तोप का आधुनिकीकरण बहुत ही उच्च स्तर पर हो गया है और यह आज किसी भी देश की सेना के लिए बहुत ही अहम हथियार है इसका सबसे घातक इस्तेमाल राजाओ ने किया लेकिन प्रथम विश्व युद्ध मे भी इसका उपयोग किया गया और बहुत क्षति पहुचाई गई। आज हम तोप का पुरा इतिहास देंखेंगे की इसकी खोज किसने की कब की और कैसे यह पुरे विश्व मे फैला।

तोप की खोज किसने की और कब (WHO INVENTED CANNONS AND WHOM INVENTED)

तोप का आविष्कार सबसे पहले चीन मे हुई जब चीनीओ ने बारुद का आविष्कार किया, बारुद का आविष्कार 9वी शताब्दी मे हुआ था। तोप यह चीनिओ ने 12वी शताब्दी मे खोज निकाला और यह 13-14 वी मे यह पुरे विश्व मे फैल गया। चीनीओ सबसे पहले बारुद का आविष्कार किया उसके बाद वह उसपर परीक्षण किया और शुरुआत मे उन्होने बारुद को एक लम्बे बांस मे डाला और उसके बाद उन्होने उसके अंदर कुछ पत्थर के टुकडे डाले और उसे उन्होने जलाया और उन्होने देखा की बारुद के जलने के बाद पत्थर बहुत तेजी से बाहर निकले और यहाँ से आरम्भ हुआ तोप के निर्माण का और इसी से प्रेरित होकर बाद मे राइफल बंदुक का निर्माण होनेवाला था। चीनीओ ने बारुद का उपयोग करके रॉकेट का निर्माण भी किया।

तोप विश्व मे कैसे फैला (HOW CANNONS GOES AROUND THE WORLD)

तोप का उपयोग चीन के लोगो ने युद्ध मे करना आरम्भ किया और जब चीन पर मंगोलो का आगमन हुआ फिर मंगोलो ने इसे युद्ध मे उपयोग किया। यह धीरे-धीरे पुरे विश्व मे फैलने लगा था, भारत पर जब मंगोलो ने उत्तर से आक्रमण किया तब भारत के उत्तर मे दिल्ली पर अलाहुद्दिन खिलजी का राज था तब मंगोलो ने उस युद्ध मे तोपो का उपयोग किया लेकिन युद्ध मे मंगोल हार गए थे लेकिन उन्होने भारत मे तोप जैसे हथियार से अवगत कराया। धीरे-धीरे तोप यह युद्ध के मैदान मे बहुत ही अहम हथियार साबित हुआ और शताब्दी दर शताब्दी इसे बेहतर किया जाता रहा।

सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

दूरबीन का आविष्कार किसने,कब और कहाँ हुआ (WHO INVENTED TELESCOPE AND WHEN,WHERE ITS MADE)



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दूरबीन का आविष्कार किसने,कब और कहाँ हुआ (WHO INVENTED TELESCOPE AND WHEN,WHERE ITS MADE)



दूरबीन के बारे मे (ABOUT TELESCOPE) :-

मित्रो आज हम दूरबीन यानी की टेलीस्कोप के बारे मे जाननेवाले है की यह कहाँ खोजा गया और किसने खोजा। दूरबीन एक प्रकार का यंत्र है जिसे दूर के दृश्य देखने के लिए उपयोग किया जाता है इससे दूर का दृश्य साफ-साफ दिखाई देता है और इससे अंतरिक्ष को भी देखा जा सकता है और अंतरिक्ष मे स्थित ग्रहो को भी देखा जा सकता है लेकिन इसके लिए आपके पास बडा दूरबीन होना चाहिए। इस यंत्र मे कांच से बने अवतललेंस और उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है जिससे दूर की वस्तुए स्पष्ट दिखाई देती है।

दूरबीन किसने खोजा (WHO INVENTED TELESCOPE)

बहुत लोगो को लगता है की दूरबीन की खोज गॅलिलियो(GALILIEO) ने की लेकिन यह सत्य नही है दूरबीन की खोज हंस लिपरशी(HANS LIPPERSHEY) ने की थी और इन्होने ही सबसे पहले इस यंत्र के खोज के श्रेय(PETANT,पेटेंट) के लिए आवेदन किया था। लिपरशी चश्मा बनाने का कार्य करते थे वही इन्होने चश्मे के साथ प्रयोग करना आरम्भ किया और वही दूरबीन का आविष्कार किया।


दूरबीन कब और कहाँ खोजा गया (WHEN AND WHERE INVENTED TELESCOPE AND HOW)

इसका निर्माण कार्य सन 15वी शताब्दी के अंत और सन 16 वी शताब्दी के आरम्भ मे हुआ इसके कुछ वर्षो पहले ही कांच की क्षमताओ को बढाने का कार्य होता रहा था जिससे कांच एकदम साफ और पारदर्शी हो गए थे तब नीदरलॅन्ड मे एक चश्मा बनानेवाले व्यक्ति जिनका नाम हंस लिपरशी था उन्होने ने इस पर प्रयोग किया और इसपर लगातार प्रयोग करते रहे उन्होने अवतल लेंस और उत्तल लेंस को एक दुसरे के नीचे रखा और उसे धीरे-धीरे दुर लेकर जाते रहे और धीरे-धीरे पास भी लाकर प्र्योग करते रहे जिससे उन्होने पाया की इससे दुर की वस्तुए बहुत ही स्प्षट रुप से दिख रही है लेकिन इन लेंसो के बीच से प्रकाश का आवागमन होने की वजह से चीजे साफ-नही दिखाई देती थी उन्होने लेंसो के बीच मे एक मास्क लगाया जिससे चीजे और स्प्षट रुप से दिखने लगी और ऐसा करनेवाले वह पहले व्यक्ति थे। सन 1608 मे लिपरशी इसे नासाउ के राजकुमार मोरिस के पास ले गए और उन्हे इस यंत्र को दिखाया और उसके एक सप्ताह के बाद उन्होने इसका श्रेय लेने के लिए आवेदन किया लेकिन उसके कुछ समय बाद कुछ और वैज्ञानिक तथा कांच निर्माता सामने आए और उन्होने भी इसी यंत्र जैसे यंत्र का दावा किया जिससे लिपरशी को उनके श्रेय से वंचित कर दिया गया और इसके बाद सन 1609 मे यह दुरबीन बडे बाजारो जैसे की पेरिस मे आसानी से प्राप्त होने लगी और गॅलिलियो ने वही से एक दूरबीन लिया और उसे सुधारकर उसे अंतरिक्ष को देखने के लिए उपयोग किया।

सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

खुद का नया बॅन्क कैसे खोल सकते है जानिए हिंदी मे(HOW TO BUILD/START OWN BANK IN INDIA)



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अपना खुद का बॅन्क कैसे खोले (HOW TO BUILD/START OWN BANK IN INDIA)



बॅन्क खोलने से जुडी बाते(IMPORTANT NOTE BEFORE BUILD A BANK)

मित्रो आज हम बहुत ही खास विषय के बारे मे बात करनेवाले है यह आज का लेख बॅन्क शुरु कैसे करना है और क्या-क्या प्रक्रिया है और किन बातो का ध्यान रखना है इस बारे मे बात होनेवाली है। आप सबसे पहले यह सोचे की आप बॅन्क क्यु खोलना चाहते है और क्या आपके पास बॅन्क खोलने के लिए लगनेवाली राशि कितनी होती है इसके बारे मे जाने अगर आपको नही पता है तो हम आपको इसके बारे मे बताएंगे। बॅन्क खोलना बहुत ज्यादा जटिल कार्य नही है इसे संभाल कर रखना बहुत जटिल कार्य होता है इसके लिए इस क्षेत्र मे बहुत सोच-समझकर कदम रखे हम आपको आगे बताते है बॅन्क खोलने के लिए किन-किन बातो का ध्यान रखना है तो चलिए जानते है।

कंपनी का निर्माण करना और बॅन्क का लाइसेंस लेना(BUILD A COMPANY AND GET LICENSE OF BANK)

आपको सबसे पहले एक कंपनी का निर्माण करना होगा क्योकी बॅन्क भी एक कंपनी ही होती है और आपको इसे रजिस्टर्ड करना होगा जैसे आप कोई दुकान शुरु करते है तो दुकान का लाइसेंस निकलवाते है वैसे ही आपको कंपनी को रजिस्टर्ड करना होगा इसके बाद आपको इस कंपनी को बॅन्क के रुप काम करवाना है तो उसके लिए भी एक लाइसेस होता है जो आरबीआई देता है और यह लाइसेंस आपको आरबीआई से ही मिलेगा आप बॅन्क लाइसेंस के लिए आरबीआई को आवेदन करे इसमे समय लग सकता है। लाइसेंस मिलने के बाद आप बॅन्क की गतिविधियॉ शुरु कर सकते है अब आप बॅन्क बिना किसी रुकावट के खोल सकते है। आप यह भी तय करे की बॅन्क कहाँ खोलना है, बॅन्क को किसी चहल-पहलवाली जगहपर खोले और बॅन्क को अच्छा दिखाये ताकी ग्राहको और आस-पास के लोगोपर अच्छा प्रभाव पडे और आकर्षित लगे।

बॅन्क खोलने के लिए उचित राशि हो(HAVE MINIMUM CAPITAL/MONEY)

बॅन्क खोलने की राशि करोडो मे होती है इसलिए आपको इस राशि का इंतजाम करके रखना होगा अगर आपके पास ज्यादा राशि है तो यह बहुत अच्छा है क्योंकी बॅन्क के पास यानी की आपके पास जितना ज्यादा पैसा होगा आपकी पकड बाजार मे उतनी ही मजबूत होगी। बॅन्क के लिए उचित राशि संतुलित नही होती है इसलिए आप हमेशा ज्यादा राशि के मुताबिक ही चले। हम आपको एक उदाहरण द्वारा बताते है बॅन्क के लिए कितना खर्च होगा आपको सबसे पहले 100-150 करोड तक पैडअप कॅपिटल अथवा प्रदत्त पुंजी रखना होगा और 200-250 करोड तक ऑथोराइज्ड कॅपिटल अथवा अधिकृत पुंजी रखनी होती है यह तो बॅन्क खोलने के लिए राशि होती है इसके अलावा आपको अपने बॅन्क मे भी कुछ राशि रखना होता है यह आप कितना भी रख सकते है जैसे की 300 करोड , 200 करोड आप जितना चाहे उतना रख सकते है इसमे से कुछ हिस्सा आपको आरबीआई के पास भी रखना होता है इसके बारे मे हम आपको बॅन्क कैसे काम करता है उस लेख मे बताएंगे।

बॅन्क निर्माण करने के बाद के जरुरी कार्य ( IMPORTANT WORK AFTER OPEN A BANK)

बॅन्क खोलने के बाद आपको बॅन्क को संभालना भी होता है उसी के लिए आप सबसे पहले एक संचालक दल(BOARD OF DIRECTOR) बनाएंगे और आप अपनी योजना(PLAN) भी बनाएंगे जिसमे आप अपनी योजना संचालक दल(BOARD OF DIRECTORS) को बता सकते है और परिस्थितियो के मुताबिक अपनी योजना बदलना आना चाहिए। बॅन्क मे अच्छे कर्मचारी(EMPLOEE) की भर्ती करे और उन्हे प्रशिक्षित(TRAINING) करे। ग्राहको के जितनी बेहतर हो सके उतनी बेहतर सेवाए प्रदान करे। अपने पास एक कानूनी दल(LEGAL TEAM) रखे जिससे भविष्य मे कानूनी प्रक्रियाओ मे आपको ज्यादा दिक्क्त न हो सके। ग्राहको को यह विश्वास दिलाए की उनकी पुंजी सुरक्षित रहेगी और कोई खतरा या बॅन्क मे चोरी या लुट-पाट होनेपर भी उनकी पुरी पुंजी उन्हे लौटाई जाएगी अथवा ग्राहको से अच्छे संबंध बनाए। निवेशको को विश्वास दिलाए और उन्हे अपने बॅन्क मे निवेश करने का अवसर दे अथवा उन्हे प्रोत्साहित करे।

गुरुवार, 30 जनवरी 2020

कोरोना वायरस के बारे मे जानकारी,लक्षण और उपचार हिंदी मे(CORONA VIRUS SYMPTOMS,TREATMENTS AND INFORMATION IN HINDI)



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कोरोना वायरस क्या है,कैसे होता है इसके लक्षण और उपचार(WHAT IS CORONA VIRUS AND HOW IT HAPPEN,SYMPTOMS AND TREATMENTS)



कोरोना वायरस के बारे मे (क्या है और कैसे होता है)(ABOUT CORONA VIRUS,WHAT IS AND HOW IT HAAPPEN)

कोरोना वायरस को वुहान वायरस भी कहा जाता है इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर मे पाया गया था और वही से यह अधिकतर देश मे फैल गया। कोरोना यह वायरस कई वायरसो को समुह है, यह वायरस जानवरो मे पाया गया और खास करके यह बिल्ली,चमगाद्ड,सांपो और उंटो मे पाया गया अनुमान है यह वायरस उन्ही के जरिए मांनवो तक पहुच गया अथवा यह वायरस एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक पहुंचता है और यह जानलेवा वायरस है।

कोरोना वायरस के क्या लक्षण(CORONA VIRUS SYMPTOMS)

कोरोना वायरस के लक्षण आसानी से दिखाई देते है जैसे की :-

बुखार
जुकाम
नाक बहना
सांस लेने मे दिक्कत होना
गले मे खराश होना

यह इस वायरस के लक्षण है।

कोरोना वायरस का उपचार या उपाय क्या है(CORONA VIRUS TREATMENTS)

कोरोना वायरस का अभी तक तो कोई उपचार या टिका नही विकसित किया जा सका है ऐसे मे आप इससे बचने के लिए सावधानी बरते जैसे की खांसते समय या छिकते समय रुमाल या किसी कपडे से मुह को ढककर रखे यदि आपको ऊपर दिए गए लक्षणो मे से कोई अपने आप मे दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से मिले और उनकी सलाह ले और ऐसे ही लक्षण किसी और व्यक्ति मे दिखते है तो उससे दुर रहे और उन्हे डॉक्टर से मिलने की सलाह दे यह इसलिए की यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति मे होने वाला सक्रमण है। मांस और अंडो से दूर रहे या तो उन्हे ज्यादा पकाकर खाए।

सूचना:- जिस समय हमने यह लेख लिखा तब यह महामारी नई थी जिसका उस समय कोई उपचार नही था लेकिन आज के समय में इसका उपचार किया जा सकता है और इसका टिका भी विकसित किया जा चुका है और अब इस महामारी का उपचार निश्चित हैं।

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