रविवार, 5 जनवरी 2020

THYROID KE BAARE ME JAANE JAISE KI LAKSHAN,KARAN AUR UPCHAAR हिंदी मे(IN HINDI)



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थायराइड के कारण, लक्षण, इलाज (THYROID CAUSES,SYMPTOMS, AND TREATMENT )



थायराइड के बारे मे(ABOUT THYROID)

विश्वभर में थायराइड तेजी से अपने पांव पसार रहा है। अकेले भारत में लगभग पांच करोड़ से ज्यादा लोग थायराइड के शिकार हैं , जो बहुत घातक है । आज हम आपको थायराइड के बारे सारी जानकारी देनेवाले है जैसे की थायराइड क्या होता है, कैसे होता है, थायराइड ग्रंथि के बारे मे जैसे की कहाँ होती है और सबसे महत्वपुर्ण यह बीमारी कितने प्रकार की होती है। यह पुरी तरह से ठिक नही हो सकता और जिसे यह होता है उसे खाने-पीने पर बहुत ध्यान देना चाहिए अथवा हमेशा डॉक्टर्स से मिलते रहे और उनकी सलाह पर ही चले और उपचार कराते रहे ताकी यह खतरनाक स्तर पर नही पहुंचे। तो चलिए जानते है थायराइड के बारे मे विस्तार से :-

थायराइड क्या है?(WHAT IS THYROID)

थायराइड हमारे गले में आगे की तरफ पाए जाने वाली एक ग्रंथि होती है और यह दिखने मे तितली के आकार के जैसी होती है अथवा यह ग्रंथि शरीर की कई जरूरी कार्यो को नियंत्रित करती है जैसे की भोजन को ऊर्जा में बदलना और साथ ही यह ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन का निर्माण करती है और जब यह हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं, तो वजन कम या ज्यादा होने लगता है, इसे ही थायराइड की समस्या कहते हैं और यह हड्डियों, कोलेस्ट्रोल मांसपेशियों व को भी नियंत्रित करती हैं और यह हार्मोंस का प्रभाव हमारी सांस, ह्रदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान पर पड़ता है इसके अलावा पिट्यूरी ग्रंथि यह मस्तिष्क मे होती है और इसमे से थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) नामक हार्मोन निकलता है जो ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन के प्रवाह को संतुलित रखती है जो की शरीर के लिए बहुत आवश्यक है।

थायराइड के लक्षण कैसे पाए जाते है(SYMPTOMS OF THYROID)

पसीना कम आना
थकावट होना
वजन बढना
रक्तचाप का प्रवाह उच्च होना
याददाश्त का कमजोर होना
मांसपेशियो मे दर्द होना
चेहरे पर सुजन आना
तनाव आना
प्रजनन क्षमता का असंतुलित होना
जोडो-जोडो मे सुजन अथवा दर्द का महसुस होना
महिलाओ मे मासिकधर्म का असामान्य होना
त्वचा मे रुखापन आना


इसके अलावा थायराइड किन कारणो से हो सकता है उसके बारे मे भी हम आपको बतानेवाले है और यह भी बतानेवाले है की इसके कितने प्रकार है और उनका क्या इलाज है यह भी बताएंगे।

थायराइड के कारण अर्थात यह ज्यादातर किन कारणो से होता है(WHAT CAUSES THYROID)

महिलाओ मे यह लक्षण और कारण ज्यादातर दिखाई देते है और यदि यह लक्षण आपको भी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से मिले और सलाह ले क्योंकी बाद मे इसका खतरा बाद मे बढ जाता है और अब इसके कारणो को जान लेते है।

अगर आपको पहले कभी थाइराइड हुआ हो तो भी यह आपको दोबारा हो सकता है ।
यदि 30 साल से ज्यादा उम्र होने पर भी इसके होने के आसार होते है।
आपका बढ़ता वजन या मोटापा इसका कारण हो सकता है या बन सकता है।
गर्भपात, समय से पहले पूर्व जन्म या बांझपन के कारण भी हो सकता है।
ऑटोइम्यून थायराइड रोग या थायरायड रोग आपके परिवार मे किसी को हो तो भी हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज के कारण भी होता है।

थायराइड के कितने प्रकार है(TYPES OF THYROID)

थायराइड के छह प्रकार है।

थायराइड कैंसर (THYROID CANCERS)- ऐसी स्थिति जहाँ थायराइड अपनी उच्चतम स्तर पर हो यहाँ मरिज को इसके लिए सर्जरी करवानी पडती है।
हाइपोथायरॉइडज्म (HYPOTHYROIDISM)– यह तब होता है जब थायराइड ग्रंथि हर्मोंस कम मात्रा मे निर्माण करती है।
हाइपरथायरॉइडज्म (HYPOTHYROIDISM)– यह तब होता है जब थायराइड ग्रंथि हर्मोंस ज्यादा मात्रा मे निर्माण करती है।
गॉइटर (GOITER) – भोजन में आयोडीन कम होने पर ऐसा होता है, जिससे गले में सूजन अथवा गांठ जैसी नजर आती है।
थायराइडिटिस (THYRODITIES)– थायराइड ग्रंथि में सूजन आना यह थायराइडिटिस होने का संकेत होता है।
थायराइड नोड्यूल (THYROID NODULES)– थायराइड नोड्यूल तब होता है जब थायराइड ग्रंथि में गांठ बनना शुरु हो जाता है।

थायराइड कैंसर (THYROID CANCER)

थाइराइड कैंसर मे सर्जरी करवाना बहुत जरुरी है इसमे थायराइड ग्रंथि को निकाला भी जा सकता है। यह थाइराइड मे गंभीर मामलो मे से एक है तो आपको जल्द से जल्द आपको डॉक्टर से मिलकर उपचार करवाना चहिए इसके अलावा, डॉक्टर सर्जरी के बाद रेडियोआयोडीन थेरेपी का भी उपयोग करते है या कर सकते है मरीज और कैंसर हिसाब से किया जाता है।

हाइपोथायरॉइडज्म (HYPOTHYROIDISM)

जैसे की बताया गया है की इसमे हार्मोंस कम निर्माण होते है जिससे डॉक्टर्स आपको हार्मोंस की दवाई देते है जिससे हार्मोंस का संतुलन बना रहता है और यह दवाई आपको जीवनभर लेना पड सकता है।

हाइपरथायरॉइडज्म (HYPOTHYROIDISM)

हाइपरथायरॉइडज्म मे डॉक्टर्स मरीज को एंटीथायराइड दवा दे सकते हैं, यह थायराइड ग्रंथि नए हार्मोन का निर्माण करना रोक देती है अथवा डॉक्टर्स बीटा-ब्लॉकर दवा भी देते है इससे अधिक निकलनेवाले हार्मोन का शरीर पर असर नही होता और कई मरीज इसके लिए रेडियोआयोडीन थेरॅपी भी करवाते है जिससे हार्मोन निर्माण करनेवाली कोशिकाओ को नष्ट किया जाता है यदि मरिज को ज्यादा ही परेशानी होती हो जैसे की सांस लेने मे कुछ खाने मे तो सर्जरी करते है।

गॉइटर (GOITER)

जैसे की गले मे सुजन आना और गांठ जैसी नजर आना यह गॉइटर के लक्षण है यदि यह ठिक तरह से काम करती है तो यह कुछ दिनो या हफ्तो मे यह ठिक हो जाता है और नही तो इसके लिए दवा है जो की इसे सिकुड के सामान्य हो जाती है।

थायराइडिटिस (THYRODITIES)

इसमे डॉक्टर आपको दवा देते है जिसे प्रेडनिसोलोन(PREDNISOLONE) कहते है इस दवा से यह कुछ हद तक कम हो सकता है अन्यथा सर्जरी ही उपाय होता है।

थायराइड नोड्यूल (THYROID NODULES)

इसमे मरीज की नियमित रूप से जांच की जाती है और ब्लड टेस्ट अथवा थायराइड अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता हैं और दवाईया दी जाती है अगर फिर भी बदलाव नही आता है और यह गांठ का रुप ले तो इसकी सर्जरी ही करवानी पडती है।

थाइराइड यह बहूत ही गंभीर समस्या है यदी आपको बताए अनुसार इसमे से कुछ भी महसुस हो तो तुरंत डॉक्टर्स से मिलना ही बहुत उचित होगा वह आपको बेहतर विकल्प बता सकते है और उपचार भी कर सकते है और समस्या बढने के पहले ही टाला जा सकता है।



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