बुधवार, 1 जनवरी 2020

जानिए RBI के बारे की वह नोट कहाँ छापती है कब इसकी शुरुआत हुई हिंदी मे(IN HINDI)



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आरबीआई(RBI) के बारे मे विस्तार से



आरबीआई(RBI) क्या है और इसे कब बनाया गया

आरबीआई यह एक ऐसा बॅन्क है(BANK) जो की भारत के सभी बॅन्को पर नियंत्रण रखता है इसे बॅन्को का बॅन्क भी कहते क्योंकी यह भारत के सभी बॅन्को को इसके द्वारा ही बनाए नियम और शर्तो पर चलना होता है। यह भारत की मुद्राओ का उत्पादन, नियंत्रण रखने का कार्य करता है। आरबीआई को 1 अप्रेल,1935 को स्थापित किया गया था ब्रिटिश सरकार(BRITISH RAJ) द्वारा और इसके पहले गवर्नर शक्तिकांत दास थे और बाद मे भारत स्व्तंत्र होने के बाद 15 अगस्त,1949 को इसका राष्ट्रियकरण(NATIONALISED) किया गया। आरबीआई को भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। आरबीआई का पुरा नाम रिजर्व बॅन्क ओफ इंडिआ(RESERVE BANK OF INDIA) है।

आरबीआई नोट कहाँ छापती है ? (WHERE RBI PRINT NOTES)

आरबीआई अपनी मुद्राए(CURRENCY) यानी की नोट भारत मे चार जगहो पर छापती है उनमे से पहला है 1) करेंसी नोट प्रेस जो की नाशिक मे है। ,2) बॅन्क नोट प्रेस जो की देवस मे स्थित है। ,3) भारतीय रिजर्व बॅन्क नोट मुद्रण प्राईवेट लिमिटेड जिसकी पहली शाखा मैसुर , कर्नाटक और दुसरी शाखा सलबोनी,पश्चिम बंगाल मे है और आरबीआई सिक्के इंडिआ गवर्नमेंट मिंट नामक सरकारी कम्पनी मे बनाती है जिसकी भारत मे चार शाखाए है जो की मुम्बई,कोलकाता,हैदराबाद, और नोइडा मे स्थित है जहाँ सिक्को के अलावा मेडल और अवार्ड भी बनाए जाते है।

आरबीआई अपने नोट के लिए कौनसा कागज उपयोग करती है?(WHICH PAPER USE TO MAKE NOTES)

आरबीआई का कागज बनानेवाली पेपर मील होशंगाबाद,मध्य प्रदेश मे है जो की 1968 मे स्थापित की गई थी जहाँ पर नोट के कागज और स्टॅम्प पेपर आदी निर्माण किए जाते है और एक पेपर मील मैसुर मे है जिसका नाम इंडिआ प्राईवेट लिमिटेड जो की सिर्फ भारतीय मुद्राए छापती है। आरबीआई का कागज बहुत ही खास होता है यह कागज बाज़ार मे नही मिलता और ना ही इसे बाज़ार मे बेचने की अनुमति किसी को है। यह कागज कपास और अन्य वस्तुओ से बनाया जाता है और आरबीआई इसे ज्यादातर बाहरी देशो से बनवाया जाता है और यह जापान और जर्मनी इन दोनो देशो से मंगवाया जाता है कुछ सालो मे आरबीआई खुद इसकी मात्रा कम करनेवाला है और इसे ज्यादातर भारत मे ही बनाया जाएगा।

आरबीआई को कैसे पता चलता है कितना नोट छापना ? (HOW DECIDE HOW MUCH NOTES IS PRINTING)

आरबीआई को कितना नोट छापना है यह जीडीपी(GDP) से पता चलता है लगभग जीडीपी का 7-9% तक नोट हर साल छापना होता है। आरबीआई बाज़ार मे बचे हुए नोटो की गिंनती करता है और वो यह सभी बॅन्को और कुछ संस्थाओ के साथ मिलकर पता करता है और साथ ही कुल कितने नोट नष्ट किए गए उसका पता लगाकर उस के हिसाब से नोट छापती है। आरबीआई ज्यादा नोट नही छाप सकती है क्योंकी यह सारी प्रकियाए भारत सरकार के सलाह पर की जाती है।

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