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सबसे पुरानी मार्शल आर्ट(लडने की कला) तकनीक
कलारीपयट्टु(KALARIPAYATTU)
कलारीपयट्टु यह भारत ही नही पुरे विश्व की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट(MARTIAL ART) तकनीक है और इसे सभी मार्शल आर्ट तकनीक की माता भी कहते है जिसे भगवान परशुराम(LORD PARSHURAM) ने खोजा था भगवान परशुराम लडने की तकनीक मे बहुत निपुण थे वह किसी
भी अस्त्र को देखकर उसे कैसे उपयोग करना है
सब बता देते थे और उन्होने इस लडने की तकनीक को निर्माण किया। कलारीपयट्टु को छोटे शब्दो मे कलारी भी कहते है इस कला मे सभी प्रकार की लडने की नीतिओ के बारे मे बताया गया है इसके साथ-साथ शरीर के महत्वपुर्ण अंगो
और कमजोर हिस्सो के बारे बताया गया है जहाँ हल्का-सा भी प्रहार करके ज्यादा नुकसान पहुचाया जा सकता है इसके साथ ही अस्त्र और हथियारो का उपयोग और इनसे लडने की कला को बताया जाता है इसे युद्ध के क्षेत्र मे लडने के लिए प्रयोग किया जाता
था।
कलारी मे लडने की कला के बारे मे बताया तो जाता ही है साथ-साथ इसमे चिकित्सीय जानकारी भी दी जाति है जिसे आयुर्वेद और योग के द्वारा करना भी बताया गया है और कलारी मे मुख्यत: अनुशासन,गुरु के प्रति और अपने साथीयो का सम्मान,
माता-पिता और समाज के प्रति सम्मान करना
सिखाया जाता है। कलारी मुख्य रुप से केरल से आरम्भ हुई और वहाँ के आस-पास के राज्यो मे फैली जिसे बोधिधर्मण अपने साथ चीन ले गए और वहाँ से यह पुरे विश्व मे फैल गई और कुछ लोगो ने इस कला को सिखकर अपनी खुद की लडने की
तकनीक बनाई कलारी को ध्यान मे रखकर किया गया और वहाँ से शाओलिन मंदिर की शुरुआत हुए और कुंग फू की शुरुआत बोधिधर्मण ने की। कलारी उस समय जीवन का हिस्सा था और इससे अपनी और दुसरो की भी रक्षा करने के काम आती थी।
कलारी का पुर्ण ज्ञान होने के लिए सालो लग जाते है और इसे सामान्य ही सिखने मे 2-3 साल लग जाते है।
हमारा भारत बहुत महान है और इसकी महानता ने विश्व को बहुत कुछ दिया और अगर हम और आप इस भारत मे जन्मे है तो आप बहुत
भाग्यशाली है और आपका भी यह कर्तव्य है की आप अपने देश की महानता का सम्मान और संस्कृति को बनाए रखे और हमारे देख के इतिहास के बारे मे जाने यह संदेश हम आप लोगो को देना चाहते है हमारी सभ्यता और यह कला 2000-3000 साल
पुरानी नही है यह हज़ारो वर्षो पुर्व की विरासत है जो हमे हमारे पुर्वजो द्वारा मिली है।
हम हमारे विषय की तरफ बढते है कलारी मे सिखाया जाता है की हम अपने हर शरीर के हर एक अंग का प्रयोग कैसे युद्ध के समय कैसे करे और शरीर के किस अंग
पर वार करना है लेकिन आज यह कला खत्म होने के करीब है लेकिन कलारी आज भी सिखाया जाता है। कलारी और भारतनट्टयम मे बहुत-सी समानताए है इन दोनो मे कुछ मुदाए आपस मे मेल खाते है और कुछ योग से मिलती-जुलती है।
हमारा भारत बहुत महान है और इसकी महानता ने विश्व को बहुत कुछ दिया और अगर हम और आप इस भारत मे जन्मे है तो आप बहुत भाग्यशाली है और आपका भी यह कर्तव्य है की आप अपने देश की महानता का सम्मान और संस्कृति को बनाए रखे और हमारे देख के इतिहास के बारे मे जाने यह संदेश हम आप लोगो को देना चाहते है हमारी सभ्यता और यह कला 2000-3000 साल पुरानी नही है यह हज़ारो वर्षो पुर्व की विरासत है जो हमे हमारे पुर्वजो द्वारा मिली है।
हम हमारे विषय की तरफ बढते है कलारी मे सिखाया जाता है की हम अपने हर शरीर के हर एक अंग का प्रयोग कैसे युद्ध के समय कैसे करे और शरीर के किस अंग पर वार करना है लेकिन आज यह कला खत्म होने के करीब है लेकिन कलारी आज भी सिखाया जाता है। कलारी और भारतनट्टयम मे बहुत-सी समानताए है इन दोनो मे कुछ मुदाए आपस मे मेल खाते है और कुछ योग से मिलती-जुलती है।
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