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मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

जानिए TRP के बारे मे पुर्ण जानकारी हिंदी मे(IN HINDI)



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TRP(टीआरपी) के बारे मे पुरी जानकारी विस्तार से



टीआरपी(TRP)

टीआरपी का पुरा नाम 'टेलीवीजन रॅटींग पॉइंट(TELEVISION RATING POINT)' है। हर चैनल को अलग रॅटींग(RATING) दी जाती है जिसकी टीआरपी ज्यादा होती है टेलीवीजन(TELEVISION) बाज़ार मे उसका बोल-बाला ज्यादा होता है और वह सबसे ज्यादा कमाई भी करता है और बडी- बडी कम्पनिया उसपर ज्यादा पैसा लगाना(INVESTING) पसंद करती है ऐसा क्यु होता है हम आपको बताते है तो चलिए जानते है बहुत कुछ इसके बारे मे :-

टीआरपी कैसे पता किया जाता है ?(HOW TO CHECK TRP)

टीआरपी चेक करने के लिए कुछ चुनिंदा जगहो पर एक डिवाइस लगाया जाता है यह डिवाइस उस जगह पर मौजुद कुछ सेटटॉप बॉक्स(SETTOP BOX) से कनेक्ट किया जाता है (इसलिए सरकारे और चैनल कम्पनिया सेटटॉप बॉक्स लगाने पर इतना जोर देती है) और यदी आप कोई चैनल मे कोई धारावाहिक(EPISODE,कार्यक्रम) देख रहे हो तो सेटटॉप बॉक्स इसकी जानकारी वह इस डिवाइस तक भेज देता है और यह डिवाइस इसे कंट्रोल रुम(CONTROL OR MONETARING TEAM) तक भेज देता है जहाँ कंट्रोल रुम मे स्थित दल किस चैनल को सबसे ज्यादा देखा जा रहा है या किसकी टीआरपी ज्यादा है बताते है इसे हर एक सप्ताह(WEEKLY) मे बताया जाता है।

टीआरपी क्यो चेक की जाती है(WHY TRP CHECK)

चैनल कम्पनिया कमाई करने के लिए ज्यादातर विज्ञापन का उपयोग करते है और यह विज्ञापन(ADVERTISING) बडी-बडी कम्पनिया अपने उत्पाद के बारे मे बताने के लिए करते है। जिस टीवी की टीआरपी ज्यादा होगी यानी की जिस चैनल को देश मे सबसे ज्यादा देखा जा रहा है उसपर विज्ञापन ज्यादा दिया जाता है। यदि देश मे सबसे ज्यादा किसी एक चैनल को देखा जाता है मतलब की उस चैनल पर सबसे ज्यादा दर्शक(VIEWER) यानी की जनता और जहाँ दर्शक ज्यादा होते है वहाँ कम्पनिया विज्ञापन दिखाने के पैसे देती है और जिस चैनल के दर्शक ज्यादा होते है उस चैनल पर विज्ञापन दिखाने के भारी-भरकम पैसे लिए जाते है और चैनल उतना ज्यादा कमाता है। चैनल की टीआरपी बढाने मे धारावाहिको का मह्त्वपुर्ण हाथ होता है धारावाहिक जितना ज्यादा मनोरंजक होता है उसे दर्शको द्वारा उतना देखा जाता है इसलिए टीआरपी को चेक करना बहुत अनिवार्य होता है।

कैसे पता करे की किस चैनल की टीआरपी कितनी है (HOW TO CHECK WHICH CHANEEL TRP IS HIGHEST)

यदि आपको यह ज्ञात करना है की किस चैनल की कितनी ज्यादा टीआरपी है तो यह कार्य भारत की एक सरकारी संस्था करती है और यह अपने आंकडो को इंटरनेट पर प्रदर्शित करती है आप वहाँ जाकर वर्तमान स्थिति ज्ञात कर सकते है उनकी वेबसाइट पर जाकर उस वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।

शनिवार, 28 दिसंबर 2019

जानिए GDP के बारे पुर्ण जानकारी विस्तार से हिंदी मे(IN HINDI)



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जीडीपी(GDP) के बारे मे विस्तार से जाने



जीडीपी(GDP)

मित्रो आज हम आपको जीडीपी(GDP) के बारे मे बात करनेवाले है जिसके बिगड्ने से पुरे देश कि आर्थिक स्थिति उथल-पुथल हो जाती है जिसके बिगड्ने से देश की जनता और सरकारे बहुत मुसीबत मे पड जाती है और इसे सुधारने के लिए सरकारो क तेल निकल जाता है तो चलिए जानते है इसके बारे विस्तार मे :-

जीडीपी का पुरा नाम ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट(GROSS DOMESTIC PRODUCT) है जिसका हिंदी मे अर्थ सकल घरेलु उत्पाद है। इस शब्द को पहली बार अमेरिका के एक व्यक्ति इसे अमेरिका से अवगत कराया जिनका नाम साइमन था और वह एक अर्थशास्त्री थे उन्होने इस शब्द का उपयोग सन 1935-44 के अंतराल मे किया और बाद मे इसे आईऐमएफ(IMF) ने उपयोग करना शुरु किया और यह बहुत तेज़ी से सभी देशो द्वारा अपनाया गया और आज हर देश इस शब्द का उपयोग करता है अपनी अर्थव्यव्स्था(ECONOMY) को बताने के लिए।

जीडीपी(GDP) किसी देश की उत्पादन क्षेत्रो मे हुई वृद्धि को निर्धारित होता है इसमे तीन मुख्य घटक यानी कृषि,उद्योग और सेवा मे उत्पादन बढने या घटने के औसत के आधार पर जीडीपी तय होती है और इसे दो तरह से मापी जाती है और दर्शाया जाता है एक है कॉन्स्टंट प्राईज(CONSTANT PRICE) और दुसरा है करंट प्राईज(CURRENT PRICE) ।

कॉन्स्टंट प्राईज(CONSTANT PRICE)

इसमे एक वर्ष तय किया जाता है जिसे आधार मानकर इसके आगे आनेवाले वर्षो मे महगाई को मापा जाता है की कितनी ज्यादा महगाई है या कम महगाई है। उदाहरण के लिए अगर किसी वर्ष की जीडीपी 10% है और इसे एक आधारवर्ष तय किया गया और अब इसके अगले वर्ष जीडीपी 9% हो गई तो इसकी जीडीपी आधारवर्ष की जीडीपी से कम है यानी अब थोडी महगाई है और इसके अगले वर्ष जीडीपी 12% हो गई तो अब यह जीडीपी आधारवर्ष(BASE YEAR) की जीडीपी से ज्यादा है यानी की देश मे कम महगाई है।

करंट प्राईज(CURRENT PRICE)

करंट प्राईज(CURRENT PRICE) यानी की वर्तमान मे देश की जीडीपी कितनी है यह ज्ञात किया जाता है जिसे उत्पादन कि वर्तमान किमत को हासिल किया जाता है जिसमे महगाई दर की दर को जोड कर वर्तमान जीडीपी मापी जाती है। भारत मे हर तीन महीनो मे वर्तमान जीडीपी मापी जाती है।

जीडीपी पर किन-किन बातो का प्रभाव पडता है

1) अगर किसी एक देश के अंदर बाहर देश की वस्तुओ या उत्पाद को बहुत ज्यादा पैमाने पर खरिदा जाता है और स्वदेशी यानी की उसी देश कि बनी चीजो को कम खरिदा जाता है तब उस देश की जीडीपी पर बुरा प्रभाव पडता है और भारत मे कुछ ऐसा ही हो रहा है ।

2) किसी देश मे उत्पादन कम होता हो तो प्रभाव पडता है उत्पादन कम होगा तो देश के लोगो को वस्तुए महंगे दाम पर मिलेंगी जिससे वस्तुए कम खरिदी जायेंगी और कम खरेदी जायेंगी तो उत्पादन कम होगा और उत्पादन कम होगा तो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार(INTERNATIONAL MARKET) मे उत्पाद नही होंगे जिससे देश की जीडीपी पर असर पडता है।

3) देश मे विदेशी माल को बहुत ज्यादा पैमाने पर आयात किया जाता है ।

4) देश बदलाव और आधुनिकीकरण की ओर कदम नही बढाए तो भी ऐसा होता है क्योंकी अगर देश मे यह नही हुआ तो बाहरी कम्पनी इसका लाभ उठा लेते है और देश की पुंजी बाहर जाने लगती है।


गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

जानिए BC और AD क्या है हिंदी मे(IN HINDI)



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जानिए (AD)ऐडी और (BC)बीसी वर्ष के बारे मे



AD(ऐडी) और BC(बीसी)

BC

सबसे पहले हम (BC)बीसी के बारे मे जानेगे वैसे तो इन दोनो का संबध ईसा मसीह के जन्म से है तो सबसे पहले (BC)बीसी के बारे मे (BC)बीसी वर्ष को ईसा मसीह के जन्म के पहले के वर्षो को कहते है। ईसा मसीह के जन्म ईसाई लोगो के लिए बहुत पवित्र माना जाता है यह ईसाईयो के भगवान थे और इनके जन्म के बाद ईसाईयो ने इनके जन्म के वर्ष को नया वर्ष मानना शुरु किया और इनके जन्म के पहले के वर्षो को (BC)बीसी कहा यानी की (BEFORE CHRIST)बिफोर क्रिस्ट यह इसका पुरा अर्थ है। ईसा के जन्म के पहले के 100 वर्ष को 100 (BC)बीसी, 500 वर्ष को 500 (BC)बीसी और 1000 वर्ष को 1000 (BC)बीसी कहते है।

AD

अब जानते है (AD)ऐडी के बारे मे जब ईसा का जन्म हुआ तो उस वर्ष को (AD)ऐडी कहा गया इसका अर्थ '(ANNO DOMINI)ऐन्नो डोमिनी' है यह लॅटीन भाषा से लिया गया है जिसका मतलब '(IN THE YEAR OF LORD)भगवान का वर्ष' है। ईसा के जन्म के बाद सभी वर्षो को ऐडी कहा जाता है और ईसा के जन्म के बर्ष को '(COMMON ERA)कॉमन ईरा' भी कहा जाता है और ईसा के जन्म के पहले के वर्षो को '(BEFORE COMMON ERA)बिफोर कॉमन ईरा' कहते है। ईसा के जन्म के बाद के 200 वर्षो को 200 (AD)ऐडी, 1000 वर्षो को 1000 (AD)ऐडी कहते है और यह 2019 मे पोस्ट बना है तो इस वर्ष को 2019(AD) ऐडी कहेंगे और इसे हम हिंदी मे ईस्वी सन 2019 कहेंगे।

अगर आपको (BC)बीसी और (AD)ऐडी पता करना है तो कैसे करेंगे,

(BC)बीसी + (AD)ऐडी = (TOTAL YEAR)कुल वर्ष (यह कुल वर्ष निकालने का सुत्र है)

मान लो कोई वस्तु 1000 (BC)बीसी मे खोजी गई है तो उसे अब से कितने वर्ष हो गए है, वह वस्तु 1000 (BC)बीसी मे खोजी गई है तो यह ईसा के जन्म के 1000 वर्ष पहले खोजी गई है और यह वर्ष 2019 चल रहा है,तो

1000 + 2019 = 3019 वर्ष उस वस्तु को अब से 3019 वर्ष पहले खोजा गया था।


सोमवार, 16 दिसंबर 2019

जानिए विश्व की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट कला कौन-सी है हिंदी मे(IN HINDI)



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सबसे पुरानी मार्शल आर्ट(लडने की कला) तकनीक



कलारीपयट्टु(KALARIPAYATTU)



कलारीपयट्टु यह भारत ही नही पुरे विश्व की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट(MARTIAL ART) तकनीक है और इसे सभी मार्शल आर्ट तकनीक की माता भी कहते है जिसे भगवान परशुराम(LORD PARSHURAM) ने खोजा था भगवान परशुराम लडने की तकनीक मे बहुत निपुण थे वह किसी भी अस्त्र को देखकर उसे कैसे उपयोग करना है सब बता देते थे और उन्होने इस लडने की तकनीक को निर्माण किया। कलारीपयट्टु को छोटे शब्दो मे कलारी भी कहते है इस कला मे सभी प्रकार की लडने की नीतिओ के बारे मे बताया गया है इसके साथ-साथ शरीर के महत्वपुर्ण अंगो और कमजोर हिस्सो के बारे बताया गया है जहाँ हल्का-सा भी प्रहार करके ज्यादा नुकसान पहुचाया जा सकता है इसके साथ ही अस्त्र और हथियारो का उपयोग और इनसे लडने की कला को बताया जाता है इसे युद्ध के क्षेत्र मे लडने के लिए प्रयोग किया जाता था।

कलारी मे लडने की कला के बारे मे बताया तो जाता ही है साथ-साथ इसमे चिकित्सीय जानकारी भी दी जाति है जिसे आयुर्वेद और योग के द्वारा करना भी बताया गया है और कलारी मे मुख्यत: अनुशासन,गुरु के प्रति और अपने साथीयो का सम्मान, माता-पिता और समाज के प्रति सम्मान करना सिखाया जाता है। कलारी मुख्य रुप से केरल से आरम्भ हुई और वहाँ के आस-पास के राज्यो मे फैली जिसे बोधिधर्मण अपने साथ चीन ले गए और वहाँ से यह पुरे विश्व मे फैल गई और कुछ लोगो ने इस कला को सिखकर अपनी खुद की लडने की तकनीक बनाई कलारी को ध्यान मे रखकर किया गया और वहाँ से शाओलिन मंदिर की शुरुआत हुए और कुंग फू की शुरुआत बोधिधर्मण ने की। कलारी उस समय जीवन का हिस्सा था और इससे अपनी और दुसरो की भी रक्षा करने के काम आती थी। कलारी का पुर्ण ज्ञान होने के लिए सालो लग जाते है और इसे सामान्य ही सिखने मे 2-3 साल लग जाते है।

हमारा भारत बहुत महान है और इसकी महानता ने विश्व को बहुत कुछ दिया और अगर हम और आप इस भारत मे जन्मे है तो आप बहुत भाग्यशाली है और आपका भी यह कर्तव्य है की आप अपने देश की महानता का सम्मान और संस्कृति को बनाए रखे और हमारे देख के इतिहास के बारे मे जाने यह संदेश हम आप लोगो को देना चाहते है हमारी सभ्यता और यह कला 2000-3000 साल पुरानी नही है यह हज़ारो वर्षो पुर्व की विरासत है जो हमे हमारे पुर्वजो द्वारा मिली है।

हम हमारे विषय की तरफ बढते है कलारी मे सिखाया जाता है की हम अपने हर शरीर के हर एक अंग का प्रयोग कैसे युद्ध के समय कैसे करे और शरीर के किस अंग पर वार करना है लेकिन आज यह कला खत्म होने के करीब है लेकिन कलारी आज भी सिखाया जाता है। कलारी और भारतनट्टयम मे बहुत-सी समानताए है इन दोनो मे कुछ मुदाए आपस मे मेल खाते है और कुछ योग से मिलती-जुलती है।

शनिवार, 14 दिसंबर 2019

WORLDS TOP 10 MOST VISITED WEBSITES 2019 जानिए हिंदी मे(IN HINDI)



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2019 की सबसे ज्यादा देखी गई वेबसाइट्स



1) गुगल(Google)

गुगल को तो हम सब लोग जानते है यह 1997 मे लॉन्च किया गया था और आज यह विश्व के सबसे ज्यादा देखी जानेवाली वेबसाइट है यह एक सर्च इंजन है जो ऑनलाईन काम करती है और यह 149 भाषाए है ज्यादा करके अंग्रेजी मे यह उपलब्ध है और इस भाषा का उपयोग किया जाता है। इसे तैयार करनेवालो का नाम लैरी पेज और सर्जि ब्रिन और स्कोट हसन है। गुगल पर हर महिने 7960 हजार करोड विजिट होती है।

2) युटुब(youtube)

युटुब तो के बारे मे सभी को पता है यह एक अमेरिकन विडिओ शॅरिंग प्लेटफार्म है जिसका हेडक्वार्टर अथवा मुख्यालय कॅलिफोर्निया के सॅन ब्रुनो मे स्थित है। नवम्बर,2006 को गुगल ने इसे 1.65 बिलियन यानी आज के मुताबिक 11550 करोड रुपए मे खरीद लिया और आज यह सबसे ज्यादा देखे जानेवाले वेबसाइट मे से एक है इस पर हर एक मिनट मे 500 घंटे का विडिओ अपलोड किया जाता है और आज इससे पैसे भी कमाए जाते है। युटुब पर 2880 हजार करोड विजिट हर महिने होती है लेकिन फिलहाल गुगल के आसपास कोई भी नही है इन दोनो के बीच मे बहुत बडा अंतर है बहुत ही बडा।

3) फेसबुक(FACEBOOK)

यह सोशल नेटवर्किंग सेवाओ का प्रचार(PUBLISH) करने का ऑनलाईन माध्यम है और इसे भारत मे बहुत उपयोग किया जाता है। इसे फरवरी,2004 को लॉन्च किया गया था और यह अपनी सेवाए विश्वभर मे प्रदान करता है। यहाँ पर हर महिने 2459 हजार करोड विजिट होती है। फेसबुक पर हर महिने 2459 हजार करोड विजिट लगभग होती है।

4) बैडु(BAIDU)

यह एक प्रकार का ऑनलाईन सर्च इंजन है जिसे हर कोई उपयोग कर सकता है। इसका मुख्यालय अथवा हेडक्वार्टर चीन के बैजिंग(BEIJING) मे स्थित है और इसे वही से चलाया जाता है इसे वर्ष 2000 मे खोजा गया था। बैडु पर 682 करोड विजिट(VISIT) हर महिने होती है यहाँ पर बहुत ज्यादा अंतर देखा जा सकता है।

5) ट्विटर(TWITTER)

यह एक अमेरीकी माइक्रोब्लोगिंग(MICROBLOGGING) और सोशल(सामाजिक) नेटवर्किंग वेबसाइट(WEBSITE) है और यह समाचार प्राप्त करने का बहुत ही बडा माध्यम है जिसे सभी लोग उपयोग कर सकते है। ट्विटर को जुलाई,2006 मे लॉन्च किया गया था और इसका मुख्यालय कॅलिफोर्निया के सॅन फ्रांसिस्को मे स्थित है और यह अपनी सुविधा विश्वभर मे प्रदान करती है। ट्विटर पर लगभग हर महिने 553 करोड विजिट होते है।

6) इंस्टाग्राम(INSTAGRAM)

यह भी एक अमेरीकी फोटो और विडिओ शॅरिंग(SHARING) वेबसाइट(WEBSITE) है और साथ ही सोशल नेटवर्किंग सेवाए भी प्रदान करता है| इसे अक्टुबर,2010 को लॉन्च किया गया था और जब यह लॉन्च किया गया था तो इससे फेसबुक को काफी नुकसान हो रहा था जिसके बाद इसे फेसबुक ने खरिद लिया। इंस्टाग्राम पर लगभग 455 करोड लोग हर महिने आते है या विजिट होती है।

7) एक्सविडिओस(XVIDEOS)

यह एक पोर्न(PORN) विडिओ यानी अश्लील विडिओ शॅरिंग वेबसाइट है और इसे मार्च,2007 मे लॉन्च किया गया था और जब इस वेबसाइट को लॉन्च किया गया तभी से इसपर काफी लोग अश्लील विडिओ देखने आते है जो की बहुत बुरी बात है आज भी यह अश्लील विडिओ देखने का ऑनलाईन भंडार है और इसपर विडिओ धडल्ले से देखी जा रही है। इस वेबसाइट पर भी हर महिने लगभग 405 करोड विजिट होती है।

8) विकिपीडिया(WIKIPEDIA)

यह जानकारी प्राप्त करने का एक मुफ्त माध्यम है और यह ऑनलाईन वेबसाइट है। विकिपीडिया एक नॉन-प्रोफिटॅबल(NON-PROFITABLE,बिना किसी लाभ के) संस्था है जिसे जनवरी,2001 मे बनाया गया और इसे बनानेवाले जीम्मी वल्व्स और लॅरी संगर है। विकिपीडिया पर प्रतिदिन बहुत विजिट आते है और लोग इस वेबसाइट को लोग बहुत सर्च करते है। विकिपीडिया पर महिने के 355 करोड विजिट हो रही है।

9) याहू(YAHOO)

यह भी अमेरीकी वेबसाइट और सर्च इंजन है जैसे की गुगल है जिसे जनवरी 1994 और इसका मुख्यालय अथवा हेडक्वार्टर कॅलिफोर्निया के सन्निवले मे स्थित है। यह वेबसाइट वेरीजेन मिडिया द्वारा बनाई गई है और इन्ही के द्वारा संचालित किया जाता है। याहू पर भी हर महिने 321 करोड विजिट हो रही है।

10) यांडेक्स(YANDEX)

यांडेक्स यह एक रशियन सर्च इंजन है जो की इंटरनेट से जुडी हुई सेवाए और उत्पाद प्रदान करती है जिसे कोई भी उपयोग कर सकता है। यह रशिया का सबसे बडा सर्च इंजन है इसका लगभग 52% कि हिस्सेदारी बाजार मे है और इसे 1977 मे स्थापित(FOUNDED) किया गया। यांडेक्स पर हर महिने 291 करोड विजिट होती है।

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

जानिए कौन-से TOP 5 ADSENSE ALTERNATIVES अच्छे है हिंदी मे(IN HINDI)

जानिए कौन-से TOP 5 ADSENSE ALTERNATIVES अच्छे है हिंदी मे(IN HINDI)


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5 सबसे अच्छे ऐड नेटवर्क जो ऐडसेंस के जैसे है



MEDIA.NET(मिडिया.नेट)

मीडिया.नेट यह विश्व की तीसरी सबसे बडी ऐड नेटवर्क कंपनी है और इसे 2010 मे बनाया गया था। इसका उपयोग ज्यादातर अमेरिका मे किया जाता है और इसे याहू और बिंग द्वारा संचालित किया जाता है। इनका मुख्य विभाग अथवा हेडक्वार्टर दुबई और अमेरिका के न्यु योर्क मे है और इनका सबसे ज्यादा मुनाफा अमेरिका से होता है लगभग 80%-90% होता है।


PROPELLER ADS(प्रॉपेलर ऐड्स)

PropellerAds

प्रोपेलर ऐड्स यह पब्लिशर और ऐडवर्टाइजर दोनो के लिए काम करता है इसका दोनो लोग उपयोग करते है| यह सबसे ज्यादा ट्राफिक जेनेरेट करनेवाले ऐड नेटवर्क मे से एक है यहाँ लगभग 100 करोड से भी ऑडियंस अथवा दर्शक हर महिने इनके द्वारा आते है। हमने इसपर काम किया है तो हम आपको अपना अनुभव बताते है इस ऐड नेटवर्क पर फ्रि वेबसाइट जैसे की Blogspot.com,hostinger.com और जितने भी वेबसाइट है जिनके अंत मे यह सब लगता है और एक उदाहरण देते है जैसे की knowledgeinmaatrabhasha.blogspot.com अथवा knowledgeinmaatrabhasha.hostinger.com ऐसे वेबसाइट होते है इन्हे इसपर आवेदन नही कर सकते नही तो आपका आवेदन रद्द किया जाता है तो आप अपनी वेबसाइट को होस्ट करवा लिजिए और आवेदन करे और इसपर पेमेन्ट भी जल्दी मिल जाता है। यहाँ सभी प्रकार के ऐड्स मिलते है।


Bidvertiser(बिडवर्टाइजर)

यह ज्यादा करके बॅनर ऐड्स,पॉप अंडर और स्लाईडर ऐड्स पर ज्यादा पैसे देते है और इसपर ज्यादा ध्यान देते है। इनके ऐड्स मोबाईल और कम्पुटर दोनो के लिए होते है और यह पब्लिशर और ऐडवर्टाइजर दोनो के लिए है। यह लगभग 10 साल से लोगो को अपनी सेवा प्रदान कर रहे है।


Adcash(ऐडकॅश)

ऐडकॅश यह कंपनी पुरे विश्व मे अपनी सेवा प्रदान करते है यह प्राइवेट हेल्ड कंपनी है जिनकी सेवा प्राइवेटली दी जाती है यह आम ऐड नेटवर्क के जैसे ही काम करते है और इनके ऐड्स मे एंटी-ब्लॉक सिस्टम लगा होता है तो यह ब्राउजर के ऐड ब्लॉक सिस्टम को भेद जाता है और युजर को ऐड्स दिखाई देते जिससे आपके कमाने की ज्यादा संभावना होती है। इसमे जल्दी पेमेन्ट का ऑपशन भी है और यह कंपनी 2007 से अपनी सेवा प्रदान कर रही है।

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AdBlade(ऐडब्लेड)

इस कंपनी को 2008 मे शुरु किया गया था यह कंपनी पब्लिशर और ऐडवर्टाइजर दोनो के लिए काम करती है और दोनो को सेवाए प्रदान करती है। इनका मुख्यालय अथवा हेडक्वार्टर अमेरिका के न्यु जर्सी मे स्थित है यह ऐड नेटवर्क अब ज्यादा तेजी से बाज़ार मे अपनी पकड मजबूत करते जा रहा है और इनके ऐड नेटवर्क पर हर महिने 30 करोड से ज्यादा दर्शक इनके ऐड्स द्वारा आते है।


ऑनलाईन ऐसी और भी कंपनी है जो ऐसी सेवाए प्रदान करती है और अगर आपकी कोई और वेबसाइट जैसे की मुवी डाउनलोड करानेवाली या अन्य कोई वेबसाइट है तो आप अपनी वेबसाइट के लिए दुसरे ऐड नेटवर्क का उपयोग करे हम आपको सभी ऐड नेटवर्क की तलिका का लिंक नीचे देते है।


गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

ऐडसेंस के बिना कमाने के उपाय और रास्ते जानिए हिंदी मे(IN HINDI)

ऐडसेंस के बिना कमाने के उपाय और रास्ते जानिए हिंदी मे(IN HINDI)


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ऐडसेंस के बिना पैसे कमाए



मित्रो आपका स्वागत है आज हम बात करनेवाले है ऐडसेंस के बारे मे की क्या करना चाहिए अगर यह रद्द किया जाता है बहुत लोग इसके रद्द होने के बाद अपनी दिलचस्पी नही लेते और कई बार वह बिना सोचे समझे इस क्षेत्र को हमेशा के लिए छोड देते है और इसके बाद वह कोई और क्षेत्र मे हाथ आजमाते है और उन्हे वापस सबसे नीचले स्तर से शुरुआत करनी पडती है और ऐसा करने पर समय और श्रम दोनो ही खर्च होता है और ऐसा ही कुछ आपके साथ हो रहा है जैसा की आपका ऐडसेंस हमेशा के लिए रद्द किया जाता है तो निराश न हो बस उसपर आपको थोडा ज्यादा मेहनत करनी पडेगी बस थोडी ज्यादा तो चलिए जानते है क्या-क्या करना है :-

सबसे पहले ऐडसेंस रद्द हो जाता है तो सबसे पहले अपील फॉर्म भरना चाहिए और इसमे आपको सबकुछ सही-सही बताना पडेगा क्योंकी गुगल को सबकुछ पता होता है तो कोई बात नही छुपानी है और एक बार अपील फॉर्म भरने के बाद यदी वह भी रद्द किया जाता है तो 90% तक तो आपका ऐडसेंस अकाउंट तो गया समझो क्योंकी वही एक अंतिम एक रास्ता होता है की आपका अकाउंट वापस आ जाए इसके बाद आप वापस भर सकते हो दुसरी बार अपनी तस्स्ली के लिए आप लेकिन इसके बाद भी रद्द किया जाता है तो उसे छोड देना चाहिए और उसके पीछे नही लगना है तो अब आप सोच रहे होंगे की बिना ऐडसेंस के कैसे कमाए और किस-से कमाए तो ध्यान से जानिए खास करके सबसे अंतिमवाला वह आपके बहुत काम आएगा।

1) ऐडसेंस रद्द होने पर आप दुसरी वेबसाइट बना लिजिए किसी दुसरे अकाउंट से और उसपर धीरे-धीरे काम करते रहे और अपनी पहली वेबसाइट के सारे कंटेट दुसरी वेबसाइट पर कॉपी कर कर लिजिए और उसपर काम करते रहे। अगर आपकी पहली वेबसाइट पर अच्छे खासे विजिट हो रहे या आ रहे हो तो आप उसपर थोडा और काम किजिए और उसपर और ज्यादा से ज्यादा विजिट लाने की कोशिश करे और इस वेबसाइट का उपयोग आप अपनी दुसरी वेबसाइट पर विजिट लाने के लिए कर सकते हो और अपनी दुसरी वेबसाइट को और बेहतर करने के लिए करे और दुसरी वेबसाइट पर ऐडसेंस खाता चालु होने दे और बाद मे खाता चालु होने के बाद उसपर पहले जैसी गलती न करे।


2) आप अपनी वेबसाइट को ऐफिलिएट मार्केटींग के लिए उपयोग करे और इसमे ऐडसेंस से ज्यादा पैसा मिलता है बस इसमे थोडा ज्यादा ही मेहनत करनी पडती है और अगर आपको इसमे जल्दी पैसे कमाना है तो इसमे इनवेस्ट करना पडेगा। लेकिन ये वह उपाय है जो लोग आज ज्यादातर कर रहे है क्योंकी कुछ दिनो मे इसमे भारी भरकम कॉम्पिटिशन होनेवाला है तो आपको शायद ज्यादा मेहनत करना पडे।


3) यह उपाय बहुत लोगो को नही पता है शायद आज हम गिने-चुने लोग हिंदी भाषा मे यह उपाय बता रह्रे है इसके बाद शायद इसपर कुछ लोग बोले और रिसर्च करे लेकिन यह वह उपाय है जिसे ऐडसेंस रद्द होने के बाद जल्द से जल्द कर लेना चाहिए और वह उपाय यह है की आप ऐडसेंस के जैसी कोई दुसरी कम्पनी मे आपको अप्लाई या आवेदन कर देना चाहिए। अब आप सोच रहे होंगे की इसके जैसी कोई दुसरी कम्पनी भी है और वो कौन-सी है? लेकिन ऐसी बहुत सी कम्पनी ऑनलाईन है जो आपको ऐडसेंस जैसी सेवा प्रदान करती है अब आप सोच रहे होंगे की ऐसी कोई कम्पनी है तो हमे ऐडसेंस से पहले क्यु पता नही चला इसका कारण यह है की आप लोगो को इसके बारे मे कभी ज्यादा बताया ही नही गया। अधिकतर लोग जो नई वेबसाइट बनाने और पैसे कमाने के चक्कर मे आते है और कुछ प्रोफेशनल लोग उन्हे ऐडसेंस के बारे मे बताते है और उनकी कुछ लोग कॉपी करके आर्टिकल बनाते है और ऐसा ज्यादातर लोग के करने से गुगल पर ऐसे आर्टिकल सबसे ज्यादा है और भी बहुत से तथ्य है जो इसपर असर डालते है इसके बारे मे फिर कभी विस्तार मे बात करेंगे इस समय हम अपने विषय के बारे मे बात करेंगे तो लेकिन यह बात भी सच है की यह कम्पनीया गुगल ऐडसेंस से कम पैसे देती है लेकिन इतना भी कम नही देती जैसी जहाँ आपको गुगल ऐडसेंस 10 रुपए तक देगा वहाँ यह कम्पनीया 7 रुपए तक आपको देगी तो यह इतना भी कम नही है और इसमे कुछ कम्पनीया है जो कम पैसे देती है यहाँ अपनी-अपनी कम्पनीयो का अपना-अपना नियम और कायदा होता है जैसे की गुगल ऐडसेंस का है| हम आपको ऐसी सबसे अच्छी कम्पनीयो लिस्ट या तालिका नीचे अगली पोस्ट मे देंगे क्योंकी इनमे से कुछ पर हमने कार्य किया है तो हम आपको अपना अनुभव भी बताएंगे।

सोमवार, 9 दिसंबर 2019

जानिए ADSENSE DISAPPROVED HONE PAR KYA KARE हिंदी मे(IN HINDI)



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ऐडसेंस क्यू रद्द हुआ ? अब क्या करे ?



मित्रो आज हम बात करनेवाले है अ‍ॅड सेन्स के बारे मे आज हम आपको जो बतानेवाले है यह खास उन लोगो के लिए है जिनके पास वेबसाईट है और उनका अ‍ॅड सेन्स रद्द किया जा चुका है तो ऐसे मे क्या करना चाहिए तो चलिए जानते है इसके बारे मे:-

सबसे पहले यह कि अगर आपका ऐडसेंस रद्द किया है तो वह किसी वजह से किया जाता है और यह पहली बार मे ही रद्द किया नही जाता तो सबसे पहले तो जब यह पहली बार रद्द किया जाता है तो यह कुछ दिनो या महिनो के लिए रद्द किया जाता है रद्द करने के बाद इससे जुडी कम्मुनिटी आपको संदेश या नोटिस भेज देती है और उसमे आपको बताया जाता है की क्यू रद्द किया गया है अब जब ऐडसेंस दुसरी बार रद्द किया जाता है तो अधिकतर हमेशा के लिए बंद किया जाता है और यह दोबारा चालु नही किया जा सकता चाहे आप जितना अपील फॉर्म भर लिजिए ऐसे मामलो मे गुगल बहुत सख्त है इसके कारण यह दोबारा चालु नही करा सकते तो अब जानते है ऐसा क्यु होता है -

1) जब आपकी वेबसाईट अ‍ॅड सेन्स के पैमानो पर खरी नही उतरती है।
2) अगर आप अपनी वेबसाईट पर मौजुद ऐड्स को किसी दुसरे के मोबाईल से बार-बार क्लिक कर रहे हो या कोई और ऐसा कर रहा हो|
3) अगर आपकी वेबसाईट पर विसिट हद से ज्यादा कम हो गई हो तो ऐसा किया जाता है अथवा बार-बार एक ही जगह से आपकी वेबसाईट को बार-बार देखा जा रहा हो तो|
4) यह गलती लोग सबसे ज्यादा करते है और वो यह है की यदी आपको इसके बारे मे ज्यादा नही पता होता है और कुछ लोग इसे प्राप्त करने मे ज्यादा ही जल्दबाज़ी कर लेते है इसका परिणाम उन्हे बाद मे भुगतना पडता है|
5) यदि ऐड्स सेन्स आपके वेबसाईट पर चालु है और आप उस वेबसाईट का ध्यान नही रख पाते है तो भी ऐसा हो सकता है।

इन कारणो से आप कि वेबसाईट से ऐडसेंस हमेशा के लिए चला जाता है ऐसे बहुत से लोग उस वेबसाईट को छोडकर दुसरी वेबसाईट के पिछे लग जाते। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो यह हम आपको बतानेवाले है की इससे कैसे निपटा जाए लेकिन एक बात ध्यान रखिए की रद्द हुए ऐड्ससेंस का कुछ नही हो सकता उसे छोड दे यदि अभी-भी आपके वेबसाईट पर लोग आ रहे है ज्यादा पैमाने पर तो आपको उस वेबसाईट को न छोडे हम आपको अगले पोस्ट मे बतायेंगे क्या करना है।

बुधवार, 4 दिसंबर 2019

क्या होता है HDD और SSD जानिए हिंदी मे(IN HINDI)



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क्या है HDD और SDD लैपटॉप मे ?

HDD :- सबसे पहले एचडीडी( HDD) के बारे मे जानते है इसका फुल फोर्म हार्ड डिस्क ड्राइव(HARD DISK DRIVE) है जो की मेमोरी का रुप है। यह आपको हर लैपटॉप और कम्प्यूटर मे मिल जायेंगे इसे डेटा को जमा करने के लिये उपयोग किया जाता है जैसे की संगीत,फिल्म और अन्य चीजे। इसे लैपटॉप या कम्प्यूटर मे इसकी मेमोरी को खंडो मे विभाजित किया जा सकता है अलग-अलग नाम से। यह लैपटॉप मे अधिकतर LOCAL DISK(C),LOCAL DISK(D),इस प्रकार दिखाई देती है। इसमे सीडी(CD) की तरह एक डिस्क होती है जो की टुट भी सकती है और खराब भी हो सकती है। यह औसतन टिकाऊ होती होती है। इसमे डेटा रखने के लिए ज्यादा जगह होती है और यह सस्ते होते है किसी और ड्राईव के अंतर मे।

SDD :- इसका फुल फोर्म सोलिड स्टेट ड्राईव(SOLID STATE DRIVE) है यह भी मेमोरी का एक रुप है। इसकी कार्यप्रणाली हार्ड डिस्क ड्राइव(HARD DISK DRIVE) से बहुत अच्छि होती है इसे भी लैपटॉप मे लगाया जा सकता है लेकिन ज्यादातर लोग इसे हार्ड डिस्क ड्राइव(HARD DISK DRIVE) की कार्य क्षमता बढाने के लिए किया जाता है क्योंकी इसका प्रदर्शन बहुत ही अच्छा होता है। यह ज्यादा टिकाऊ होती है और इसमे सीडी(CD) जैसी कोई वस्तु नही होती है। इसमे डेटा रखने के लिए कम जगह होती है लेकिन ज्यादा जगहवाले भी है लेकिन यह महंगे होते है।

मेरे लैपटॉप का वाई-फाई काम क्यू नही कर रहा है जानिए हिंदी मे(IN HINDI)



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क्या आपके भी लैपटॉप मे वाई-फाई(WI-FI) काम नही कर रहा ?

क्या आप के लैपटॉप मे भी वाई-फाई काम नही करता है?, पहले काम करता था लेकिन जब से विंडोव्स इंस्टाल किया है तब से काम नही करता है? या फिर नीचे दिए गए कुछ निशान मे से कुछ दिखता है तो क्या करना चाहिए कैसे ठीक करना चाहिए।

1) अगर पहले नम्बर के फोटो जैसा कुछ आपके लैपटॉप मे भी हो रहा है तो आपको लैपटॉप के कीबोर्ड से आपको Fn+F2 या Fn+F5 दबाना है यह बटन कुछ लैपटॉप मे अलग-अलग जगह पर होते है इस्लिए दो बटन बताए गए है उसके बाद आपका वाई-फाई काम करने लगेगा वैसे इस चिन्ह का मतलब यह होता है की आपने वाई-फाई बंद करके रखा है।

2) अगर आपका दो नम्बर के फोटो जैसा कुछ हुआ है तो आपको यह विडिओ देखना चाहिए।

विडिओ देखने के लिये यहाँ क्लिक


अगर विडिओ मे दिखाए अनुसार आपके आपकी सम्स्या कुछ अलग है जैसे की वाई-फाई का ओपशन दिखाई नही देता है तो यह सम्स्या आपके लैपटॉप मे ड्राईवर नही होने से हो रही है इस परिस्थिति मे आपको ड्राईवर डाउनलोड करना होगा यह करना बहुत आसान है। सबसे पहले आपको आपके लैपटॉप की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना है जैसे की आपका लैपटॉप डेल,एचपि,लेनोवो आदि कम्पनी का तो आपको ऑनलाइन वेबसाइट मिल जाएगी। आपको आपका मॉडल नम्बर डालना है और आपको वहाँ से नेटवर्क ड्राईवर डाउनलोड करना है और सभी इंस्टाल करना है उसके बाद लैपटॉप आपको रेस्टार्ट करने का ओपशन दे तो यस कर देना है।




अगर ऊपर दिए गए उपायो मे से आपकी सम्स्या नही सुलझती है तो हमे कमेंट बॉक्स मे कमेंट करे।

CEMENT किसने खोजा और कब जानिए हिंदी मे(IN HINDI)



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सिमेंट कब बनाया गया जानिए सिमेंट का इतिहास

सिमेंट(CEMENT) का योगदान हमारे जीवन मे बहुत ही महत्वपुर्ण है हम आज जिस भी ईमारत का निर्माण करते है उसमे सिमेंट ना हो तो वह ईमारत बन ही नही सकती। आज हम आपको सिमेंट के इतिहास के बारे मे बतानेवाले है तो चलिए जानते है :-

सिमेंट का उपयोग प्राचीनकाल से होता रहा है मिस्त्र के लोग जिप्सम का उपयोग सिमेंट के रुप मे करते थे रोमन लोगो ने चुने पत्थर का उपयोग सिमेंट बनाने के लिए किया और वह उसमे रेत मिलाकर बडे-बडे पत्थरो के साथ दीवार बनाते थे। रोमन लोगो ने सोचा की एक ऐसा सिमेंट बनाया जाए जो की पानी को रोक सके इसके लिए उन्होने ज्वालामुखी की राख को मिलाकर बंदरगाह बनाया जिसका नाम पोज्जोलानिक रखा गया यह नाम पोज्जुओली गांव के नाम पर रखा गया। इन जगहो पर ज्वालामुखी की राख काफी मात्रा मे पाया जाता था इस तरह रोमन लोगो ने सिमेंटिय पदार्थो के गुण को व्यवस्थित करनेवाले पहले लोग थे। इसके बाद 1 शताब्दी ईसा पुर्व मे एक रोमन वास्तुकार और इंजिनीयर मार्कस विट्रुवियस पोलिओ(MARKUS VITRUVIUS POLIO) ने अपनी किताब 'टेन बुक्स ऑफ आर्किटेक्चर' मे बहुत-सी बातो का खुलासा किया और इसे और उन्नत बनाया। उसके बाद यूरोप मे निर्माण कौशल मे उन्नति हुई विशेषत: सिमेंट के सम्बंध मे उन्होने सिमेंट के नए रुप को खोजा जिसे पोज्जोलाना कहा गया इसे उन्होने चूने के कार्बोनाइजेशन से मोर्टार धीरे-धीरे कठोर होते है और इसे मध्ययुग के अंत मे फिर से खोजा गया लेकिन रोमन लोगो ने जैसे सिमेंट का उपयोग किया था और उनकी सामग्री के गुणो को कुशल बनाने की तकनीक उनके पास नही थी।

16-18 वी शताब्दी और उसके बाद मनुष्यो ने ज्ञान के क्षेत्र मे बहुत उन्नति की और काफी वस्तुओ को निर्माण किया और खोजा गया और इसी समय मे सिमेंट को एक नया स्तर मिलनेवाला था। सन 1759 मे स्मेटन ने लोहे के बनाने की प्रक्रिया मे चूना,मिट्टी और कुचले स्लेग से एक मोर्टार का निर्माण किया जो पानी के नीचे कठोर हो जाता था। सिमेंट का उपयोग समुद्र मे लाईटहाऊस(LIGHTHOUSE,प्रकाशिय ईमारत) बनाने के लिए किया ताकि समुद्री जहाजो की दुर्घटनाए कम हो यहाँ से सिमेंट ने प्रौद्योगिकी को नई दिशा दी। सन 1824 मे जोसेफ एस्पिन ने पोर्टलैंड सिमेंट का पेटेंट अपने नाम करा लिया इसे मुख्यरुप से मिट्टी और चूने का उपयोग किया गया इसके पश्चात कुछ वर्षो बाद 1845 मे आइजैक जॉनसन ने इसे आधुनिक पोर्टलैंड सिमेंट का निर्माण किया जिसे आमतौर पर पोर्टलैंड सिमेंट को 1400-1500 सेल्सियस पर क्लिंकरिंग(CLINKERING) करके खनिजो का निर्माण किया जो बहुत प्रतिक्रियाशील हो जाता है और इसे एक उद्योग बनाया गया। इसके बाद 20 वी शताब्दी मे बहुत-सी प्रक्रिया करके सिमेंट बनाया गया इसमे जिप्सम का उपयोग करके भी सिमेंट बनाया गया।


पिंग(PING,LATENCY) क्या होता है जानिए हिंदी मे (IN HINDI)



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पिंग क्या होता है और इसके बारे मे



पिंग(PING) के बारे मे जानना बहुत जरुरी है विशेष रुप से यदि आप ज्यादा ऑनलाईन रहते है ।
पिंग यह दो डिवाइस के बीच की सम्पर्क करने की क्षमता मे कितना समय लगा यह बताता है इसे लेटेंसी(LATENCY) भी कहते है। उदाहरण के तौर पर यदि आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हो और वह आपसे कुछ दुरी पर है और आप ने कुछ कहा और वह आवाज उस तक पहुंचने मे 10 सेकंड का समय लगा और उसने कुछ कहा और वह आवाज आप तक पहुंचने मे 10 सेकंड का समय लगा आप दोनो के बीच हुई बात को एक-दुसरे तक पहुंचने मे कुल 20 सेकंड लगा यह जो  समय लगा इसे ही पिंग कहते है ठिक इस प्रकार तकनीकी साधनो मे भी इस प्रकार होता है अथवा मोबाइल और कम्प्युटर मे इसी प्रकार होता है।



 पिंग को मिली-सेकंड(MS,ms) मे मापा जाता है और पिंग को हमेशा कम स्तर पर ही होना चाहिए नही तो यह काफी बडी परेशानी बन सकता है विशेष रुप से उनके लिए जो ऑनलाईन गेम खेलते है जैसे की यदि आप कोई गेम खेल रहे हो और आपने अभी कोई प्रतिक्रिया की और उस समय पिंग ज्यादा यानी लगभग 1000 मिलीसेकंड अर्थात 1 सेकंड चल रहा है तो आपकी प्रत्येक की गई क्रिया 1 सेकंड के बाद गेम उपस्थित किरदार मे क्रिया होगी और यदि पिंग 10-100 मिली-सेकंड के बीच हो तो आपकी की गई क्रिया तुरंत उस किरदार मे होगी और आप बेहतर गेम का लाभ उठा सकते है और वही पिंग ज्यादा हो तो आप परेशान हो सकते है आपका गेम खेलने का मन ही नही करेगा । पिंग 1-100 मिलीसेकंड के बीच हो तो अच्छा होता है और सबसे जरुरी बात मोबाइल और कम्प्युटर एक-दुसरे के बीच प्रतिक्रिया करने के समय को लेटेंसी कहा जाता है और इसे मापने की क्रिया को पिंग कहते है।