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इतिहास कांच का -
स्फटिक
हम सबसे पहले भारत की बात करते है यहाँ यह बहुत पहले ही पाया गया था इसका उपयोग महाभारत एंव रामायण काल मे भी किया गया था और कुछ शास्त्रो मे भी इसके बारे मे उल्लेख किया गया। दर्पण के रुप मे कांच का उपयोग अभी-अभी कुछ 300-350 सालो पहले हुआ उससे पहले यह सजावट के लिए एंव अन्य कार्यो के लिए उपयोग किया जाता था। भारत मे सफ्टिक अथवा क्वार्टज नामक खनिज को कांच के रुप मे उपयोग किया जाता था लेकिन यह कांच पुर्ण रुप से आज के कांच की तरह शुद्ध नही था और यहाँ से कुछ देशो को यह निर्यात भी किया जाता था। भारत मे पहले चेहरा देखने के लिए धातु से बने दर्पण का उपयोग किया जाता था जैसे चांदी,तांबा आदि।
अब बात करते है दुसरे जगहो की लोगो के अनुसार अथवा किवंदती(लोगो की पीढी दर पीढी बताई गई बाते) के अनुसार सर्वप्रथम कांच को मेसोपोटामिया मे ईसा के जन्म के 12000 साल पहले खोजा गया वहाँ यह इस प्रकार पाया की कुछ व्यापारी समुद्रतट पर जब खाना बनाने लिए जब जहाजो से बर्तन उतारे गए और वह अपने साथ कुछ ज्वलनशील वस्तु लाए थे और जब उन्होने खाना बनाना प्रारंभ किया उससे कुछ देर बात रेतीली जगह जहाँ खाना बनाया जा रहा था वहाँ कुछ द्रव्य पदार्थ पिघलकर थोडी देर बाद वह ठोस मे बदल गया और ऐसा ही कुछ सीरिया के फिनिशीया के समुद्रतट पर भी हुआ इसके बाद यह कुछ सालो तक लोगो के गहने और ताबिज बनाने के लिए उपयोग किया जाता था फिर धीरे-धीरे कुछ लोगो ने इसपर प्रयोग किया इसमे मिस्त्रवासियो ने कांच के खुले सांचो को दबाकर तश्तरिया और कटोरे बनाना प्रारम्भ कर दिया।
क्राऊन कांच
फ्लोट कांच
लेंस
ईसायुग के 350 वर्ष पहले फिनिशीयावासियो ने कांच फुंकनी द्वारा फुककर कांच के खोखले पात्र बनाए और यह मानव का एक महान आविष्कार था और यह प्रक्रिया आज भी जीवित है बाद मे यह ईसायुग के आते-आते यह उद्योग मे बदल गया और ईसायुग के प्रारंभ मे यह चरमसीमा पर पहुंच गया और बहुत बडे-बडे प्रयोग हुए और सन 1226 मे "ब्रोड शीट(BROAD SHEET)" का यानि कांच की सतह बनाई गई। सन 1330 को फ्रांस के रौएन मे क्राउन कांच का निर्माण हुआ और इसे आयात-निर्यात किया जाता था।सन 1620 मे "ब्लोअन प्लेट(BLOWN PLATE)" का निर्माण हुआ यह थोडा थाली की तरह दिखाई देता है फिर इसके बाद सन 1678 मे"क्राउन कांच(CROWN GLASS)" की गुणवत्ता मे बदलाव करके उत्तल लेंस और अवतल लेंस बनाने मे किया जाता था जिसके बाद चश्मे का आविष्कार भी हुआ बाद मे 1688 मे "पोलिश्ड प्लेट(POLISHED PLATE)" का शोध हुआऔर इसके ऊपर शोध होता रहा तथा कांच की गुणवत्ता को बढाने का प्रयोग जारी रहा और 1959 को "फ्लोट कांच(FLOTE GLASS") को बाज़ार मे उतारा गया इसके पहले भी कांच के क्षेत्र मे बहुत आविष्कार हुए और यह आज बहुत बडा उद्योग बन गया है।
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